मोदी और जयललिता ने केंद्र पर साधा निशाना - Zee News हिंदी

मोदी और जयललिता ने केंद्र पर साधा निशाना

नई दिल्ली: सेना के साथ हाल ही में हुए विवाद के लिए केन्द्र सरकार की आलोचना करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि असैन्य एवं सैन्य इकाइयों के बीच में तनाव से देश के आंतरिक सुरक्षा हालात पर प्रतिकूल प्रभाव पडना तय है। आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में मोदी ने कहा, ‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौजूदा केन्द्र सरकार आम आदमी में हमारी रक्षा तैयारियों को लेकर विश्वास का संचार करने में विफल रही ।

 

वहीं, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने विधेयकों को पारित कराकर केन्द्र द्वारा राज्यों के अधिकार छीनने की बढती प्रवृत्ति के प्रति सचेत करते हुए सोमवार को कहा कि ऐसा करना राज्य सरकारों के प्रति असम्मान दर्शाना है। आतंरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में जयललिता ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार पर चहुंतरफा निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र (एनसीटीसी) के जरिए राज्यों के अधिकारक्षेत्र में घुसपैठ कर रही है। यह उन संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है जो राज्यों की सूची में पुलिस को तरजीही दर्जा प्रदान करता है।

 

मोदी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा को अलग थलग करके नहीं देखा जा सकता है क्योंकि यह वाह्य सुरक्षा हालात से जुडी हुई और घुसपैठ रोकने, उग्रवाद को रोकने में सशस्त्र बल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो देश के आंतरिक सुरक्षा से सीधे तौर पर जुडा है । मोदी ने कहा कि इसी परिप्रेक्ष्य में संसाधन की बाधाओं, अधिकारियों और जवानों में नैतिक मनोबल की कमी और असैन्य एवं सैन्य इकाइयों के बीच तनाव के फलस्वरूप हमारी रक्षा क्षमताओं में किसी तरह की खामी से निश्चित तौर पर देश की आंतरिक सुरक्षा पर प्रतिकूल असर पडेगा ।

 

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को अविश्वास एवं संदेह के इस माहौल को खत्म करने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए जो हाल ही में हुए विवादों के कारण पैदा हुआ है। सुरक्षा से जुडे महत्वपूर्ण मसलों पर राज्य सरकारों से सलाह मशविरा नहीं करने के लिए केन्द्र सरकार की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि आरपीएफ कानून, बीएसएफ कानून में संशोधन कर केन्द्र सरकार  राज्य के भीतर राज्य का गठन कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो सहित केन्द्रीय एजेंसियों का राजनीतिकरण बढ रहा है और उनका इस्तेमाल केन्द्र में सत्ताधारी दल के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने में हो रहा है ।

 

मोदी ने कहा कि इस रूख से सीबीआई जैसी एजेंसियों की विश्वसनीयता के साथ समझौता हुआ है और यह चिन्ता की बात है क्योंकि ये एजेंसियां आंतरिक सुरक्षा के मसलों में शामिल हैं । उन्होंने केन्द्र के इन दावों पर भी सवाल उठाया कि 97 फीसदी खुफिया खबरें केन्द्रीय एजेंसियों की ओर से आ रही है और राज्य एजेंसियों की ओर से केवल तीन प्रतिशत खबरें आती हैं।  खुफिया प्रकोष्ठों की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से मोदी ने अखिल भारतीय सेवा की तर्ज पर अखिल भारतीय खुफिया सेवा शुरू करने की अपील दोहरायी । उन्होंने संकेत किया कि भारत सरकार को उन राज्यों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए जहां शांति है और जो नक्सलवाद की समस्या से फिलहाल प्रभावित नहीं हैं ।

 

उधर, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने विधेयकों को पारित कराकर केन्द्र द्वारा राज्यों के अधिकार छीनने की बढती प्रवृत्ति के प्रति सचेत करते हुए सोमवार को कहा कि ऐसा करना राज्य सरकारों के प्रति असम्मान दर्शाना है। आतंरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में जयललिता ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार पर चहुंतरफा निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र (एनसीटीसी) के जरिए राज्यों के अधिकारक्षेत्र में घुसपैठ कर रही है। यह उन संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है जो राज्यों की सूची में पुलिस को तरजीही दर्जा प्रदान करता है।

 

उन्होंने दावा किया कि केन्द्र सरकार ने बंगाल की खाडी में भारत-अमेरिकी संयुक्त नौसैनिक अभ्‍यास का एकतरफा फैसला किया और उसने राज्य सरकार को विश्वास में नहीं लिया। जयललिता ने कहा कि राज्यों के साथ सलाह मशविरे की कमी और राज्यों को विश्वास में लेने की विफलता केन्द्र में शासन प्रणाली की पक्की कहानी कहता है। एनसीटीसी का विरोध कर रही तमिलनाडु की मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका मतलब यह होगा कि केन्द्र सरकार संवैधानिक रूप से चुनी हुई राज्य सरकारों का असम्मान कर रही है।

 

जयललिता ने उम्मीद जताई कि केंद्र जब कभी भी कोई महत्वपूर्ण फैसला करेगा, राज्य सरकारों के साथ पहले से सलाह मशविरा करने के सिद्धांत का पालन करेगा।

(एजेंसी)

First Published: Monday, April 16, 2012, 21:07

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