Last Updated: Sunday, April 14, 2013, 18:40

नई दिल्ली : नरेन्द्र मोदी को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के बारे में लगायी जा रही अटकलों के बीच पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने रविवार को इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा लेकिन गुजरात के मुख्यमंत्री को ‘देश का सबसे लोकप्रिय नेता’ करार देते हुए उनकी सराहना अवश्यक की।
सिंह ने भरोसा जताया कि जदयू सहित राजग का कोई घटक गठबंधन से अलग नहीं होगा। जदयू मोदी के खिलाफ आपत्ति जता रही है। भाजपा प्रमुख इस बात पर कायम रहे कि पार्टी के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार भाजपा संसदीय बोर्ड तय करेगा। उन्होंने साथ ही यह भी कहा, ‘बोर्ड ही यह निर्णय करेगा कि प्रधानमंत्री पद तय करने के लिए कौन से मानक अपनाये जायें।’
मोदी की ओर इशारा करते हुए कल जदयू कार्यकारिणी की बैठक में एक पार्टी नेता ने कहा था,‘लोकप्रिय होना अलग बात है और प्रधानमंत्री बनना अलग।’ सिंह ने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि ‘भाजपा का संसदीय बोर्ड जो भी फैसला करेगा उससे कोई संकट पैदा नहीं होगा। मैं इस बात को भरोसे से कह सकता हूं।’
बहरहाल, भाजपा प्रमुख इस सवाल का जवाब टाल गये कि क्या वह यह सुझाव दे रहे हैं कि मोदी का नाम प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं किया जाये।
सिंह ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘मैं यह स्वीकार करता हूं कि देश में यदि कोई सबसे अधिक लोकप्रिय नेता है तो वह नरेन्द्र मोदी हैं। भले ही वह भाजपा कार्यकर्ता हो या आम आदमी, मोदी उनके बीच बहुत लोकप्रिय हैं। कोई भी इससे इंकार नहीं कर सकता।’
उन्होंने यह बात इस सवाल के जवाब में कही कि मोदी को भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में क्यों नहीं पेश किया जा रहा है जबकि पार्टी के एक वर्ग में उन्हें कांग्रेस के राहुल गांधी से मुकाबला करने के लिए सर्वोत्तम आदमी माना जा रहा है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं यह नहीं कह सकता कि मुकाबला नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी के बीच होगा।’
भाजपा प्रमुख ने इस दावे पर संदेह जताया कि राहुल गांधी कांग्रेस के प्रधानमंत्री उम्मीदवार होंगे। ‘कांग्रेस ने अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। आप कैसे कह सकते हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस के प्रधानमंत्री प्रत्याशी होंगे।’ उन्होंने इस बात पर भरोसा जताया कि भाजपा के उसके सहयोगियों के साथ संबंध नहीं बिगडेंगे।
उन्होंने इस दावे को ‘काल्पनिक’ बताया कि यदि भाजपा सबसे बडी पार्टी के रूप में उभर कर आती है तो उसके द्वारा चुने गये प्रधानमंत्री प्रत्याशी पर सहयोगी आपत्ति करेंगे। सिंह ने कहा, ‘मैं आश्वस्त हूं कि हमारा जिन अन्य दलों के साथ गठबंधन है वे अलग नहीं होंगे।’ भाजपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी जदयू के संकल्पों पर करीबी निगाह रखेगी क्योंकि ‘प्रस्तावित संकल्पों में अंतिम क्षण तक संशोधन हो सकते हैं। हमें जदूय की कार्यकारिणी एवं परिषद के फैसलों की प्रतीक्षा करनी चाहिए।’
उनसे जदयू की उस कथित मांग के बारे में पूछा गया था जिसमें भाजपा से अगले आम चुनाव से पहले निश्चित समय के भीतर प्रधानमंत्री प्रत्याशी घोषित करने को कहा गया था।
मोदी के मुखर आलोचक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शनिवार को भाजपा प्रमुख के साथ रात्रि भोज पर बैठक हुई थी। बताया जाता है कि उनके बीच गठबंधन की भावी रणनीति को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
भाजपा के अध्यक्ष ने इन बातों का सिरे से खारिज कर दिया कि मोदी स्वयं को प्रधानमंत्री प्रत्याशी के रूप में पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी बात नहीं है तथा गुजरात के मुख्यमंत्री विभिन्न मंचों को इसलिए संबोधित कर रहे हैं क्योंकि उन्हें वहां आमंत्रित किया जा रहा है। सिंह ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि मोदी वहां अपने को पेश करने जा रहे हैं। वह वहां जा रहे हैं क्योंकि उन्हें वहां आमंत्रित किया जा रहा है। अन्य मुख्यमंत्री भी यह कर रहे हैं। यदि मोदी ने ऐसा कर दिया तो क्या अपराध है।’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद मैंने मोदी से कई बार बातचीत की है। उन्होंने एक बार भी यह नहीं कहा है कि उन्हें भाजपा का प्रधानमंत्री प्रत्याशी के रूप में पेश किया जाये। मोदी ने अपने को आगे नहीं बढ़ाया है और वह अब भी यह नहीं कर रहे हैं।’
उन्होंने इस दावे को भी खारिज कर दिया कि मोदी को धर्मनिरपेक्ष नहीं माना जाता है।
सिंह ने कहा, ‘भाजपा एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है तथा मोदी इसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी के मुख्यमंत्री हैं न तो जदयू अध्यक्ष शरद यादव न नीतीश कुमार ने मुझसे ऐसा कहा है।’
मोदी द्वारा गोधरा पश्चात दंगों में एक विशेष समुदाय के साथ भेदभाव करने और सांप्रदायिक नरसंहार को रोकने के लिए कदम नहीं उठाने के आरोपों को खारिज करते हुए सिंह ने कहा कि वह भी एक मुख्यमंत्री रहे हैं और वह इस बात को समझते हैं कि कोई मुख्यमंत्री अपने राज्य में अराजकता नहीं चाहता।
भाजपा प्रमुख के अनुसार, ‘यह कहना कि मोदी ने दंगे करवाये थे या उन्होंने एक समुदाय का साथ दिया. ऐसी किसी भी मुख्यमंत्री से उम्मीद नहीं की जा सकती है। कोई मुख्यमंत्री ऐसा नहीं कर सकता। यदि ऐसा कहा जाता है कि मोदी की सहमति से सांप्रदायिक दंगे हुए तो इसका यह मतलब है कि माकपा, कांग्रेस और सपा शासन के दौरान हुए दंगे भी उनकी सहमति से हुए थे।’
भाजपा को देश की सबसे धर्मनिरपेक्ष पार्टी करार देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को गोधरा पश्चात दंगों के फैसले की प्रतीक्षा करना चाहिए और इसके आने से पहले किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए। ‘यह कल्पना भी नहीं की जा सकती है कि दंगे मोदी ने करवाये या उन्हें प्रोत्साहित किया।’
सिंह ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा माफी मांगे जाने की तरह मोदी द्वारा गुजरात दंगों के लिए माफी नहीं मांगे जाने को सही ठहराते हुए कहा कि ‘खेद व्यक्त करने का कोई कारण नहीं है।’ तथा वह पहले ही कई बार कह चुके हैं कि गुजरात के सांप्रदायिक दंगे दुर्भाग्यपूर्ण थे।
उन्होंने कहा कि सोनिया अपने दिवंगत पति के बयान के कारण दंगों के लिए माफी मांगी थी। राजीव गांधी ने अपनी मां इंदिरा गांधी के निधन के बाद कहा था कि बड़े पेड़ के गिरने के बाद धरती हिलती है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 14, 2013, 18:40