मोदी के आगे झुकी भाजपा, संजय जोशी का इस्तीफा

मोदी के आगे झुकी भाजपा, संजय जोशी का इस्तीफा

मुम्बई: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय जोशी को आखिरकार राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा देना ही पड़ा। जोशी से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेतृत्व को धमकी दी थी कि यदि संजय जोशी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से नहीं हटाया गया तो वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद से इस्तीफा दे देंगे। पार्टी मोदी के आगे झुकी और जोशी को इस्तीफा देने के लिए कह दिया। वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव होने हैं और देश का प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते भाजपा के पास केंद्र सरकार को घेरने और जनता में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के एक से बढ़कर एक मौके हैं, लेकिन वह अपने ही घर को ठीक नहीं कर पा रही है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार नाराजगी अभी उसकी मुश्किलें और बढ़ाने वाली है।

बहरहाल, मोदी ने केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष धमकी दी थी कि यदि जोशी को कार्यकारिणी से बाहर नहीं किया जाएगा तो वह खुद कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद से इस्तीफा दे देंगे। इसके बाद बुधवार शाम आनन-फानन में पार्टी कोर ग्रुप की बैठक हुई, जिसमें तय हुआ कि जोशी से इस्तीफे के लिए कहा जाए।

जोशी ने गुरुवार सुबह राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया, जिसे गडकरी ने स्वीकार भी कर लिया। जोशी ने अपने इस्तीफे में कहा, 'मैं संगठन का अनुशासित सिपाही हूं, जिसने सदैव व्यक्तिगत हित से ऊपर सत्यनिष्ठा और ध्येयनिष्ठा रखना सीखा है। उसी परम्परा के अनुरूप संगठन में सहज व सुगम व्यवस्था संचालन हेतु तथा गतिरोध समाप्ति सुनिश्चित करने के लिए मैं राष्ट्रीय कार्यसमिति की आमंत्रित सदस्यता से इस्तीफे की पेशकश करता हूं।'

जोशी का इस्तीफा लेने के बाद गडकरी ने मोदी से बात की और फिर मोदी कार्यसमिति में आने को तैयार हुए। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की गुरुवार को शुरू हुई दो दिवसीय बैठक से पहले कहा, 'मैंने मोदी से बात की है। उन्होंने कहा है कि वह मुम्बई में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होंगे। हम पार्टी के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे।'

गडकरी ने कहा कि जोशी ने पार्टी में किसी भी प्रकार के विवाद को दूर रखने के लिए इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि जोशी ने खुद इस्तीफा दिया है इसलिए उनकी मौजूदगी को लेकर पार्टी में कोई मतभेद नहीं हैं। इसके बाद मोदी ने उदयपुर में घोषणा की कि वह कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होंगे। वह लगभग चार बजे कार्यकारिणी में शामिल भी हुए।

ज्ञात हो कि जोशी को उत्तर प्रदेश में चुनाव की जिम्मेदारी सौंपे जाने के समय से ही मोदी और गडकरी के रिश्तों में खटास आई थी। नाराज मोदी न तो उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करने गए और न ही दिल्ली में हुई पार्टी की पिछली कार्यकारिणी में शामिल हुए। इससे भाजपा की जबरदस्त किरकिरी भी हुई थी। भाजपा में संघ का चेहरा माने वाले जोशी की वजह से गडकरी और मोदी के बीच पिछले 11 महीने से अनबन चली आ रही थी, लेकिन अंतत: गडकरी को मोदी के आगे झुकना पड़ा। राजनीतिक हलकों में इसे मोदी की जीत के रूप में देखा जा रहा है।

जोशी इससे पहले 2005 में पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दे चुके हैं। एक वीडियो क्लिप में एक महिला के साथ दिखाए जाने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। बीते समय में पार्टी में आंतरिक संघर्ष तेजी से बढ़ा है। पार्टी के मजबूत गढ़ वाले राज्यों में कई नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के प्रति नाखुशी जताई है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, May 24, 2012, 22:05

comments powered by Disqus