Last Updated: Sunday, June 30, 2013, 20:40

इंदौर: केंद्र सरकार पर सीबीआई के सियासी दुरुपयोग का आरोप मढ़ते हुए भाजपा ने कहा कि अगर यह जांच एजेंसी इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में कांग्रेस के इशारे पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई करती है, तो इस कदम पर किसी को अचरज नहीं होगा।
भाजपा महासचिव राजीवप्रताप रूडी ने यहां संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि हम तो वैसे भी सीबीआई को कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन कहते हैं। अगर सीबीआई कांग्रेस के कहने पर (इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में) मोदी के खिलाफ कार्रवाई करती है, तो यह किसी के लिये आश्चर्य का विषय नहीं होगा।’ उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीबीआई का उपयोग अदालतों में हलफनामा पेश करने में किया जा रहा है।
रूडी ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के समर्थन से अपना बहुमत बनाये रखा है। इन दोनों नेताओं पर सीबीआई की तलवार लटकी हुई है।’ उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन की धांधलियों और 1,86,000 करोड़ रुपये के कथित कोयला घोटाले में प्रधानमंत्री कार्यालय का दुरुपयोग किया गया।
भाजपा महासचिव ने एक सवाल पर कहा कि देश के लोगों की अपेक्षाओं के मुताबिक मोदी को पार्टी की सबसे उंची कुर्सी लिये तैयार किया जा रहा है।
मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाये जाने के बाद पार्टी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी के दल के प्रमुख पदों से इस्तीफा देने और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दखल के बाद इस त्यागपत्र को वापस लिये जाने को लेकर किये गये सवाल से रूडी ने किनारा कर लिया। उन्होंने कहा, ‘इस मामले में मेरी पार्टी ने पहले ही सफाई दे दी है। लिहाजा मेरा इस सिलसिले में अब कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।’ भाजपा महासचिव इस सवाल का जवाब भी टाल गये कि क्या उन्हें भरोसा है कि देश के मुस्लिम समुदाय के बीच मोदी स्वीकार्य हो सकेंगे।
उत्तराखंड की भीषण प्राकृतिक विभीषिका के सिलसिले में प्रदेश सरकार की कथित लापरवाही के सवालों पर रूडी ने कहा, ‘यह सियासी दोषारोपण का वक्त नहीं है। यह विभीषिका देश के लिये सबक है कि पर्यावरण से खिलवाड़ बंद होना चाहिये।’ रूडी ने एक सवाल पर कहा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की मौजूदा स्थिति के कारण सभी राजनीतिक पार्टियां खुद को आरटीआई के दायरे में लाने का विरोध कर रही हैं।
उन्होंने इस सिलसिले में कहा, ‘आज लोकतांत्रिक प्रणाली में पैसे की भूमिका है। देश में छोटे कानूनों से बड़ा निर्णय नहीं लिया जा सकता।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 30, 2013, 20:40