‘मोदी के राजनयिक अलगाव को बढ़ावा नहीं दिया’, Centre never encouraged diplomatic isolation of Narendra Modi: Khurshid

‘मोदी के राजनयिक अलगाव को बढ़ावा नहीं दिया’

नई दिल्ली : विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को कहा कि 2002 के गुजरात दंगों के बाद केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘राजनयिक अलगाव’ को कभी बढ़ावा नहीं दिया और किसी देश द्वारा गुजरात के साथ राजनयिक संबंध बनाने को लेकर केंद्र को कोई आपत्ति नहीं है।

खुर्शीद ने यहां कहा,‘हमने राजनयिक अलगाव को बढ़ावा नहीं दिया। हमने संप्रभु देशों को मोदी के बारे में कोई रुख विशेष अख्तियार करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया। उन्होंने रुख अख्तियार किया और वो हमें पता है। अगर वे कोई और रुख अपनाएंगे तो हमें वो भी पता चलेगा।’

वह राज्य विधानसभा चुनावों में मोदी की जीत का स्वागत करने के रूस के राजदूत अलेक्जेंद्र कदाकिन के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।

हालांकि खुर्शीद ने यह भी कहा कि अमेरिका में एक वर्ग गुजरात सरकार से मित्रता नहीं रखना चाहता। उन्होंने कहा कि अगर कुछ देश गुजरात के साथ राजनयिक संबंध नहीं चाहते तो केंद्र की आलोचना नहीं की जानी चाहिए और यदि कोई देश संबंध बनाता है तो भी सवाल नहीं खड़ा करना चाहिए।

मंत्री ने कहा,‘हम उनकी कुछ नीतियों और निश्चित ही उनके रवैये से असहमत हो सकते हैं।’ गौरतलब है कि ब्रिटेन ने अक्तूबर महीने में मोदी सरकार के 10 साल से जारी बहिष्कार को समाप्त कर दिया था और गुजरात के साथ फिर से साझेदारी का फैसला किया। 2002 के दंगों के बाद गुजरात के साथ रिश्तों पर पाबंदी लगाई गई थी।

खुर्शीद ने कहा,‘वह निर्वाचित हैं। उनके साथ राजनीतिक मतभेद रखना और व्यापक प्रकृति वाले कुछ मुद्दों पर उनके खिलाफ अभियान में शामिल होना, हमें लगता है कि यह उनके राज्य के मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने से पूरी तरह अलग है और मैं उम्मीद करता हूं कि वह भी खुद इस तरह की पहचान बनाएंगे।’

सरकार के सभी अंगों से अच्छे रिश्तों का स्वागत करते हुए खुर्शीद ने कहा कि अमेरिका में अब भी एक वर्ग गुजरात सरकार के साथ रिश्ते नहीं रखना चाहता।

उन्होंने कहा,‘अमेरिकी जनता के एक वर्ग के बीच अब भी यह सोच है कि गुजरात सरकार से दोस्ती नहीं रखनी चाहिए। अगर रूस और ब्रिटेन की सोच अलग है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। जब वे संबंध नहीं बनाना चाहते तो हम संज्ञान लेते हैं और वे रिश्ते बनाते हैं तो भी हम जानकारी रखेंगे।’

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में ओबामा प्रशासन को की गई अपील में प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने मांग की थी कि मोदी के खिलाफ ‘मानवता के विरुद्ध अपराध’ के आरोपों के मद्देनजर किसी भी हाल में उन्हें वीजा देने से मना करने की नीति को बदला नहीं जाए। (एजेंसी)

First Published: Saturday, December 22, 2012, 00:02

comments powered by Disqus