Last Updated: Sunday, March 24, 2013, 20:39

वाशिंगटन : सम्मानित वार्टन इंडिया इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूआईईएफ) को संबोधित करने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री को भेजे गए आंमत्रण को वापस लेने के विवाद के बाद करीब 200 भारतीय-अमेरिकियों ने इस कदम के विरोध में पेनसिलवेनिया में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया।
‘अमेरिकन्स फॉर फ्री स्पीच’ के बैनर तले भारतीय-अमेरिकियों ने ‘हम मोदी को चाहते हैं’ के नारे लगाए और उनकी तस्वीरें तथा बैनर हाथों में लिए हुए थे।
ज्यादातर न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी से आए प्रदर्शनकारी कई ब्लॉक तक पैदल चलकर शनिवार को डब्ल्यूआईईएफ के सामने प्रदर्शन करने पहुंचे। कल यहां भारत के आर्थिक विकास के मुद्दे पर एक दिन के सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सम्मेलन स्थल, यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया के हैरिसन सभागार के सामने सड़क पर कई वक्ताओं ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया।
इसमें करीब 200 लोगों के भाग लेने की बात कहते हुए ‘द डेली पेनसिलवेनिया’ ने लिखा है, ‘प्रेस के सदस्यों को सम्मेलन में प्रवेश नहीं दिया गया।’ यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया के तीन प्रोफेसरों की ओर से मोदी के आमंत्रण का विरोध किए जाने के बाद डब्ल्यूआईईएफ की ओर से उसे वापस लेने के विवादित कदम का विरोध करते हुए ‘इंडियन अमेरिकन इंटेलेक्चुअल फोरम’ के नारायण कटारिया ने आरोप लगाया कि डब्ल्यूआईईएफ ने ‘भाषण की स्वतंत्रता’ पर हमला किया है और इसे भारतीय राजनीतिक प्रक्रिया में ‘अनुचित हस्तक्षेप’ करार दिया।
यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया के अध्यक्ष डॉक्टर एमी गुटमन को सौंपे गए ज्ञापन में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत दुख हो रहा है कि भारतीय मूल के अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान के महज तीन प्रोफेसर इस सम्मानित विश्वविद्यालय के निर्णय को प्रभावित कर रहे हैं।
ज्ञापन में कहा गया है,‘यहां प्रमुख मुद्दा भाषण और मतभिन्नता की स्वतंत्रता का है। दुख की बात है कि विश्वविद्यालय के इस कदम ने इन दोनों का बुरी तरह उल्लंघन किया है।’
वार्टन इंडिया इकोनॉमिक फोरम ने अंतिम समय में मोदी को भेजा गया आमंत्रण वापस ले लिया था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 24, 2013, 20:39