Last Updated: Sunday, February 3, 2013, 21:29

नई दिल्ली : ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा पर नरेन्द्र मोदी को अगले चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाने के लिए संघ परिवार की ओर से दबाव डाला जा रहा है। विश्व हिन्दू परिषद ने इस पद के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करने की मांग की है। बहरहाल, जदयू जैसे राजग के घटक दलों ने संकेत दिया है कि मोदी का नाम उन्हें स्वीकार्य नहीं है।
पिछले हफ्ते राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एवं भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद विहिप नेता अशोक सिंघल ने आज खुलकर कहा कि पार्टी को मोदी का नाम प्रधानमंत्री प्रत्याशी के लिए घोषित कर देना चाहिए।
सिंघल ने कहा, ‘‘यदि लोग स्वयं मांग कर रहे हो कि मोदी को प्रधानमंत्री प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए तो भाजपा को भी इस बारे में विचार करना चाहिए। इस तरह की बात पहली बार हो रही है। आखिरकार भाजपा अध्यक्ष स्वयं कह चुके हैं कि फिलहाल मोदी सबसे लोकप्रिय नेता हैं।’’ इस बात की खबरें हैं कि विहिप और संघ परिवार से संबंधित कुछ हिन्दू धार्मिक समूह इलाहाबाद में चल रहे कुंभ मेले में पांच-छह फरवरी को होने वाले सम्मेलन में मोदी की उम्मीदवारी के बारे में कुछ विचार विमर्श कर सकते हैं।
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के छह फरवरी को कुंभ मेले में प्रस्तावित दौरे ने अफवाहों के बाजार को गर्म किया है। बहरहाल, सिंह ने कहा कि वह इस प्रकार के किसी घटनाक्रम से अवगत नहीं हैं तथा वह पवित्र स्नान के लिए इलाहाबाद जा रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि मोदी भी कुंभ में जा सकते हैं लेकिन अभी तक कार्यक्रम को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। भाजपा सूत्रों ने इन खबरों से इंकार किया कि पार्टी बहुत जल्द मोदी को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित कर सकती है। इन अफवाहों पर राजग के घटक दल जदयू ने कड़ी आपत्ति जतायी है।
जदयू प्रवक्ता शिवानन्द तिवारी ने कहा, ‘‘कौन प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनेगा या कौन सा राजनीतिक दल किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा, यह राजनीतिक दल तय करते हैं। मैं यह समझ नहीं पा रहा कि यह निर्णय साधुओं या धार्मिक अखाड़ों द्वारा कैसे किया जा सकता है। हम अपनी राजनीति को कहां ले जा रहे हैं। यदि धार्मिक नेता इसे तय करेंगे तो यह पूरी तरह से दिवालियापन है।’’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 3, 2013, 21:09