मोदी को झटका,SC ने गुजरात लोकायुक्त की नियुक्ति को सही ठहराया

मोदी को झटका,SC ने गुजरात लोकायुक्त की नियुक्ति को सही ठहराया

मोदी को झटका,SC ने गुजरात लोकायुक्त की नियुक्ति को सही ठहरायानई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार को बड़ा झटका देते हुए राज्यपाल कमला बेनीवाल की ओर से लोकायुक्त के तौर पर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर ए मेहता की नियुक्ति को बुधवार को बरकरार रखा है।

देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के साथ विचार-विमर्श करके की गई थी।

न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति एफएम इब्राहीम कलीफुल्ला की पीठ ने गुजरात सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में कहा गया था कि लोकायुक्त की नियुक्ति अवैध है क्योंकि इसे राज्य सरकार के साथ विचार विमर्श कर नहीं किया गया था।

उच्च न्यायलय की पीठ ने कहा कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद की अनुशंसा के अनुसार कार्य करने को बाध्य हैं लेकिन यहां न्यायमूर्ति मेहता की नियुक्ति उचित है क्योंकि इसे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से विचार-विमर्श करके किया गया था।

न्यायालय ने कहा कि न्यायमूर्ति मेहता लोकायुक्त के तौर पर अपना काम कर सकते हैं। राज्यपाल कमला बेनीवाल ने 25 अगस्त, 2011 को न्यायमूर्ति मेहता को गुजरात का लोकायुक्त नियुक्त किया था। उसके पहले यह पद आठ वर्ष से खाली पड़ा था।

गुजरात सरकार ने 18 जनवरी, 2012 को राज्य उच्च न्यायालय के राज्यपाल के फैसले को बरकरार रखने के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ की ओर से राज्यपाल द्वारा की गई इस नियुक्ति की वैधानिकता पर खंडित फैसला देने के बाद पीठ की ओर से न्यायमूर्ति वी एम शाह ने नियुक्ति को बरकरार रखने का फैसला दिया था। मेहता गुजरात उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं।

गुजरात उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 11 अक्तूबर, 2011 को लोकायुक्त की नियुक्ति मामले पर खंडित फैसला दिया था। न्यायमूर्ति अकील कुरैशी ने राज्यपाल के फैसले को बरकरार रखा था, जबकि न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी ने लोकायुक्त की नियुक्ति असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द कर दिया था। (एजेंसी)



First Published: Wednesday, January 2, 2013, 10:44

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