Last Updated: Wednesday, June 26, 2013, 13:50

गोचर (उत्तराखंड) : वायुसेना अध्यक्ष एनएके ब्राउन ने कहा कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा के बाद राहत व बचाव कार्य में जुटा वायुसेना का एमआर्इ 17 वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद भी सेना मजबूत इरादों के साथ अपना राहत अभियान जारी रखेगी। बुधवार को दुर्घटना स्थल का दौरा करने के दौरान वायुसेना अध्यक्ष एनएके ब्राउन ने कहा कि मौसम साफ रहा तो 4 दिनों में रेस्क्यू पूरा हो जाएगा।
उत्तरांखड के गौरीकुंड में मंगलवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए वायुसेना के हेलीकॉप्टर एमआई-17 का कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर आज बरामद कर लिया गया है। इस बीच वायुसेना प्रमुख एनएके ब्राउन ने हादसे का शिकार हुए इस हेलीकॉप्टर में सवार 20 लोगों में से किसी के भी बचने की संभावना से इनकार किया है।
वायुसेना अधिकारियों और जवानों से मुखातिब होने के बाद ब्राउन ने संवाददाताओं से कहा, ‘सौभाग्य से, हमने कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर बरामद कर लिया है और मुझे लगता है कि हम कुछ ही दिनों में इस दुर्घटना के सही कारणों का पता लगा लेंगे।’ उन्होंने कहा कि इस समय इस दुर्घटना के पीछे के कारणों पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।
ब्राउन ने कहा कि हेलीकॉप्टर में सवार सभी 20 लोगों में से किसी के भी बचने की संभावना नहीं है। इनमें वायुसेना के पांच, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के छह जवान और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) के नौ लोग शामिल थे।
ब्राउन से जब पूछा गया कि क्या यहां सुरक्षा पैमाने की अनदेखी की गई है, तो उन्होंने कहा, ‘जहां तक अनदेखी का सवाल है, तो मैं ऐसा नहीं कहूंगा। पहाड़ों में, विशेषकर मानसून के दौरान, मौसम की समस्या हमेशा बनी रहती है। लेकिन, इस समय हम निश्चित रूप से यह नहीं बता सकते कि इस दुर्घटना का कारण मौसम था या कोई तकनीकी समस्या।’ उन्होंने कहा कि बचाव अभियान के दौरान जोखिम हमेशा बना रहता है और हर दिन इसकी समीक्षा की जाती है।
उन्होंने कहा कि वायुसेना के पायलट बेहद योग्य और इस तरह के अभियान कार्यान्वित करने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं और हमारे जवानों का मनोबल बेहद ऊंचा बना हुआ है। बचाव अभियान में शामिल वायुसेना के जवानों और दूसरी एजेंसियों ने ‘बेहद शानदार’ ढंग से काम किया है।
ब्राउन ने कहा कि अगर वायुसेना को तीन से चार दिनों तक अच्छा मौसम मिलता है, तो वह अपना अभियान पूरा कर लेगा। उन्होंने कहा, ‘अगर शुक्रवार से मौसम सुधरने लगता है तो सोमवार, मंगलवार तक हम यह अभियान पूरा कर लेंगे।’ इस बीच वायुसेना के सूत्रों ने बताया कि कल रात भर चले तलाशी अभियान के दौरान वायुसेना के गरड़ कमांडो ने गौरीकुंड के पास से चार और शव बरामद किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कल हुए इस हादसे के बाद से आज सुबह तक वहां 12 शव मिल चुके हैं।
उन्होंने बताया कि मरने वालों में से पांच वायुसेना के अधिकारी हैं, जबकि बाकियों की पहचान अभी तक नहीं हो पायी है। इस हादसे में शहीद हुए वायुसेना कर्मियों में एक विंग कमांडर, दो फ्लाइट लेफ्टिनेंट, एक जूनियर वारंट अफसर और एक सार्जेंट शामिल हैं।
वायुसेना के एक प्रवक्ता के मुताबिक, एमआई-17 वी-5 हेलीकॉप्टर गोचर से गुप्तकाशी और केदारनाथ में जारी बचाव अभियान में जुटा था, जहां से लौटते समय कल दोपहर गौरीकुंड के उत्तर में यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
उत्तराखंड में मुश्किल मौसम के बावजूद बचाव अभियान में जुटे पायलटों की हौसला अफजाई करने के लिए आज सुबह यहां पहुंचे ब्राउन ने कहा कि बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद वायुसेना राज्य में बुनियादी ढांचों की मरम्मत के काम में जुट जाएगी, जिसके लिए इसे भारी उपकरण लाने होंगे।
ब्राउन ने इस काम में वायुसेना की मदद करने के लिए स्थानीय प्रशासन की भी प्रशंसा की।
ब्राउन ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए वायुसेना, एनडीआरएफ और आईटीबीपी ‘योद्धाओं’ की मौत पर दुख जताया और कहा, ‘हमारे हेलीकॉप्टर उड़ान भरना बंद नहीं करेंगे। हम तब तक इस काम में जुटे रहेंगे, जब तक कि सभी लोग वहां से निकाल लिये नहीं जाते।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘हमारा बचाव अभियान जारी रहेगा। हकीकत में, हमारा ज्यादातर काम पूरा हो चुका है। अब बस बद्रीनाथ और हर्सिल सेक्टर से लोगों को बाहर निकालने का काम बचा है।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 26, 2013, 12:15