Last Updated: Wednesday, January 25, 2012, 11:25
नई दिल्ली : एकीकृत पहचान पत्र (यूआईडी) परियोजना को जारी रखने के संबंध में गृह मंत्रालय और योजना आयोग के बीच पैदा मतभेद के बीच प्रधानमंत्री ने बुधवार को इस मामले से निपटने के लिए वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक की।
सिंह यूआईडीएआई परियोजना के विस्तार पर अंतिम निर्णय लेने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक बुलाएंगे। इस परियोजना के तहत देश की जनता को राष्ट्रीय पहचान पत्र दिया जा रहा है।
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने यहां बैठक के बाद कहा, मुझे लगता है कि दोनों परियोजनाओं (यूआईडी और एनपीआर) को एकसाथ चलाने के संबंध में सहमति बन गई है। मंत्रिमंडलीय समिति (यूआईडीएआई से जुड़ी) की बैठक का तिथि में बदलाव किया गया और अब यह शुक्रवार को होगी।
हमें पूरी उम्मीद है कि बैठक में इन विषयों का समाधान निकाल लिया जाएगा। अहलूवालिया के अलावा आज की बैठक में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, गृह मंत्री पी चिदंबरम, यूआईडीएआई के अध्यक्ष नंदन निलेकणि और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन भी मौजूद थे।
अहलूवालिया ने कहा, हम बहुत संतोषजनक निष्कर्ष की ओर बढ़ रहे हैं। कई किस्म के विचार थे। हमने विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय की देश नागरिकों का डिजिटल डाटाबेस तैयार करने वाली राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) परियोजना को यूआईडीएआई के साथ चलाया जा सकता है।
अहलूवालिया ने कहा, मुझे लगता है कि दोनों परियोजनाओं को एकसाथ आगे बढ़ाने की सहमति बन गई है और इसमें नकल रोकने के तरीके तलाश कर सकते हैं। देश की जनता का बायो-मेट्रिक डाटा तैयार करने के संबध में विवाद हो रहा है।
गृहमंत्रालय ने कहा है कि भारत के महापंजीयक (आरजीआई) को एनपीआर के जरिए आंकड़े जुटाने का अधिकार दिया गया है जबकि नंदन निलेकणि के नेतृत्व वाले यूआईडीएआई को भी सूचना संग्रह का जिम्मा दिया गया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 25, 2012, 16:57