‘यूएस को खुश करने को परमाणु बिल नरम बनाया’ - Zee News हिंदी

‘यूएस को खुश करने को परमाणु बिल नरम बनाया’

 

नई दिल्ली : मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मंगलवार को सरकार पर आरोप लगाया कि उसने अमेरिका और अमेरिकी कंपनियों को खुश करने की कोशिश में परमाणु उत्तरदायित्व से जुडे नियमों को नरम कर दिया है। यदि संसदीय समिति ने विधेयक का विश्लेषण नहीं किया तो ये नियम लागू हो सकते हैं। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि विधेयक में प्रावधान था कि परमाणु उपकरणों की आपूर्ति करने वाला निर्माण, डिजाइन या प्रभाव की वजह से होने वाली दुर्घटना का जिम्मेदार होगा। लेकिन सरकार ने अब यह जिम्मेदारी पांच साल तक सीमित कर दी है।

 

उन्होंने कहा कि परमाणु प्रतिष्ठानों में आम तौर पर दुर्घटना के प्रभाव पांच साल के बाद ही देखने में आते हैं। जापान का फुकुशिमा इसका ताजा उदाहरण है। ऐसे में इस तरह का फैसला कर सरकार दरअसल आपूर्तिकर्ता कंपनियों को छूट दे रही है। अमेरिका और अमेरिकी कंपनियां यही चाहती हैं। येचुरी ने कहा कि यदि संसदीय समिति नियमों का विश्लेषण नहीं करती तो ये 15 दिन में ही प्रभावी हो सकते हैं ।

 

नियम में संशोधन करने वाली अधीनस्थ विधान संबंधी समिति का अब तक गठन नहीं किया गया है। इस समिति का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो गया था, लेकिन अब तक इसका पुनर्गठन नहीं किया गया। नियमों की अधिसूचना के बाद 30 दिन में इनमें संशोधन किया जा सकता है और ये संशोधन समिति ही करेगी । 30 दिन की ये अवधि गुजरने में कुछ ही दिन बाकी हैं ।

 

उन्होंने कहा कि इन नियमों की असैन्य परमाणु क्षति जिम्मेदारी कानून के नियमों की अधिसूचना प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात के एक ही दिन पहले जारी की गई थी। येचुरी ने कहा कि यदि ये नियम बदले नहीं गए तो काफी ‘ खतरनाक ’ बात होगी।

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 22, 2011, 20:38

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