Last Updated: Thursday, June 21, 2012, 17:40
नई दिल्ली : उच्च शिक्षा तंत्र के बारे में लोगों और विभिन्न पक्षों के विश्वास को मजबूत बनाने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सदस्यों के लिए नैतिक आचार संहिता को मंजूरी दी है। इसमें कहा गया है कि प्रत्येक सदस्य को ईमानदारी और समानता के सिद्धांत के आधार पर पूरी दक्षता से बिना किसी भेदभाव के काम करना चाहिए तथा अपने पद का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
यूजीसी के एक अधिकारी ने कहा कि आयोग ने हाल ही में हितों के टकराव, नैतिक मूल्यों एवं आचार व्यवहार संबंधी नीति को मंजूरी प्रदान की है और सभी सदस्यों को इसके अनुरूप आचरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आचार संहिता कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है लेकिन सदस्य इस आचार संहिता का पालन करेंगे और इसके अनुरूप कार्य करेंगे। आचार संहिता में कहा गया है कि यूजीसी के सदस्य व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अपने पद एवं दायित्वों का निर्वाह करेंगे और नैतिक मूल्यों एवं उच्च मापदंडों के अनुरूप पेशेवर तरीके से उच्च शिक्षा तंत्र के प्रति लोगों के विश्वास को मजबूत बनाने का काम करेंगे।
आचार संहिता के अनुसार, प्रत्येक सदस्य को आयोग में शामिल होने के एक महीने के भीतर और प्रत्येक नए वर्ष में आयोग की पहली बैठक से पूर्व इस बात की जानकारी देनी चाहिए कि क्या वह या उसके परिवार का कोई सदस्य यूजीसी के दायरे में आने वाले निकाय युनिवर्सिटी, कॉलेज आदि में किसी लाभ के पद पर कार्यरत है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 21, 2012, 17:40