Last Updated: Wednesday, November 7, 2012, 19:39

रायपुर : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि देश के नौजवानों की योग्यता को विकसित करने की जरूरत है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में आयोजित स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती समारोह और रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर के 25 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 120 करोड़ की आबादी के इस देश में नौजवानों की संख्या ज्यादा है। हमारे मुल्क में 57 करोड़ भारतीय नौजवान हैं, जिनकी उम्र 25 वर्ष से कम है। इनकी योग्यता को विकसित करने की जरूरत है।
मुखर्जी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के नारायणपुर में रामकृष्ण मिशन आश्रम द्वारा यह कार्य उन वर्गों के लिए किया जा रहा है, जिन्हें इनकी बेहद जरूरत है। उन्होंने कहा कि नारायणपुर में भारत की सबसे प्राचीन ‘मार्जिनल-ट्राइब्स’ है। आज से 25 साल पहले इस अंचल में खासतौर से शिक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर इस इलाके के कमजोर वर्गों के लिए कदम उठाने का विचार किया गया। रामकृष्ण मिशन की स्थापना से यहां के छात्रों को यह मौका मिला है।
उन्होंने कहा कि हमारा देश बहुत बड़ा है और आबादी 120 करोड़ की है। इस देश में नौजवानों की संख्या ज्यादा है। हमारे मुल्क में 57 करोड़ भारतीय नौजवान हैं, जिनकी उम्र 25 वर्ष से कम है। इनकी योग्यता को विकसित करने की जरूरत है और मुझे खुशी है कि इस अंचल में यह कार्य रामकृष्ण मिशन के द्वारा स्वामी विवेकानंद की भावना और विचारों के माध्यम से हो रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की भावना और उनके विचारों की पूरी दुनिया में कद्र है।
उन्होंने शिकागो शहर में स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए भाषण ‘रिलीजन ऑफ पार्लियामेंट’ का जिक्र करते हुए कहा कि उनके इस भाषण से पूरी दुनिया में संदेश गया। शिकागो विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद पर रिसर्च और लगातार काम हो रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे अबूझमाड़ नारायणपुर आने का मौका मिला। मैंने यहां के विद्यार्थियों से बातचीत की और पाया कि यहां के विद्यार्थी आगे बढ़ना चाहते है। मुझे उम्मीद है कि उनकी यह महत्वकांक्षा पूरी होगी। मुझे इस बात की भी बेहद खुशी है कि रामकृष्ण मिशन के द्वारा यह कार्य पूरी संजीदगी से किया जा रहा है।
मुखर्जी ने कहा कि लोग वी.आई.पी. होना पसंद करते है, लेकिन लोगों की भलाई का उद्देश्य होना ज्यादा अच्छा है, भारत की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और गांवों में चिकित्सक जाते नहीं है। केवल निर्देश नहीं अपितु मार्गदर्शन देने की जरूरत है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के उद्धरण का जिR करते हुए कहा कि विभित्र रूपों में ईश्वर तुम्हारे सामने खड़े है, जो व्यक्ति जीव से प्रेम करता है, और उनकी मदद करता है वही श्रेष्ठ है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 7, 2012, 19:39