Last Updated: Wednesday, July 11, 2012, 10:10

नई दिल्ली/लखनऊ: केंद्र सरकार ने मेहरबान होते हुए उत्तर प्रदेश के लिए खजाना खोल दिया है। यूपी के लिए 50000 करोड़ रुपये की मांगें मानी गई हैं। वैसे यूपी ने केंद्र के समक्ष 93000 करोड़ रुपये पैकेज देने की मांगें रखी थी। केंद्र और यूपी के अधिकारियों के बीच बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। वहीं, केंद्र ने बंगाल सरकार को ठेंगा दिखा दिया है। बंगाल पर मरहम तो दूर किसी पैकेज पर विचार तक नहीं किया गया।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने का फैसला अचानक क्यों लिया, इसका जवाब संभवत: इस फैसले के बाद मिल गया है। वैसे बुधवार को होने वाली प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की बैठक के बाद और अधिक जानकारी सामने आएगी।
उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार, अर्थव्यवस्था से जुड़े मंत्रालयों के सात हाईप्रोफाइल सचिव उत्तर प्रदेश को केंद्रीय अनुदान देने पर विचार किया है। उत्तर प्रदेश के लिए विशेष पैकेज की मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मांग पर गौर किया है।
इससे पहले, अखिलेश ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 93,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की। केंद्र सरकार हालांकि सभी मांगों को नहीं मान सकती, लेकिन ऐसा समाधान तलाशा गया, जिससे अन्य राज्यों के साथ `यथा स्थिति` को नुकसान पहुंचाए बगैर सपा का सहयोग हासिल किया जा सके।
एक अधिकारी ने बताया कि सूची में राज्य से गुजरने वाले 7,818 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए वित्तीय सहायता के साथ-साथ 3,150 करोड़ रुपये की लागत से राज्य में नौ विश्वविद्यालय खोलने तथा कृत्रिम भूमिगत जल परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 15,000 करोड़ रुपये की मांग भी शामिल है। इसके अतिरिक्त राज्य के किसानों के लिए उर्वरकों की आपूर्ति, खाद्य अनाज भंडारण के विस्तार के लिए अनुदान और वित्तीय संकट से जूझ रहे विद्युत निगमों को आर्थिक मजबूती देने की मांग भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने पीएमओ के माध्यम से विश्व बैंक से 5,000 करोड़ रुपये के `क्लीन टेक्नोलॉजी फंड` को भी मंजूरी दिलाने की मांग की गई। सपा की सरकार केंद्रीय मार्ग निधि से 2,5000 करोड़ और अंतर्राज्यीय सम्पर्क परियोजना से 1,000 करोड़ रुपये भी चाहती है।
मुख्यमंत्री अखिलेश जहां केंद्रीय सहायता का मुद्दा पत्रों के जरिये उठा रहे हैं, वहीं उनके पिता मुलायम सिंह इस बारे में अधिक स्पष्ट रवैया अपनाए हुए हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को विशेष पैकेज दिए जाने की आवश्यकता है। पार्टी राज्य के लिए अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने की कोशिश में है। उन्होंने इससे इनकार किया कि उत्तर प्रदेश के लिए विशेष पैकेज की मांग का मुखर्जी को राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन देने से कोई लेना-देना है।
First Published: Wednesday, July 11, 2012, 10:10