यूपी में सपा की आंधी, बाकी दल हुए बेदम - Zee News हिंदी

यूपी में सपा की आंधी, बाकी दल हुए बेदम



ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

 

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों में समाजवादी पार्टी (सपा) को भारी बढ़त मिली है और शानदार वापसी की है। सपा ने 224 सीटें जीत ली है जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 80 सीटों तक सिमट गई है। भाजपा 47 और कांग्रेस 28 सीटें पाकर तीसरे और चौथे स्थान पर है। सपा की आंधी में बाकी दल बेदम हो गए।  कुल 403 सदस्यीय विधानसभा में समाजवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिल गया है और उसने 224 सीटों पर कब्‍जा जमाया। प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। राष्ट्रीय लोकदल ने नौ सीटें और अन्य ने 15 सीटें जीती हैं।

 

सपा की इस ऐतिहासिक जीत का श्रेय प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव को दिया जा रहा है, जिन्होंने कड़ी मेहनत की और पार्टी का रंगरूप बदलने में अहम भूमिका निभाई लेकिन यह लगभग साफ हो गया है कि मुलायम सिंह यादव ही मुख्यमंत्री बनेंगे।

 

सुबह जैसे ही मतगणना आरंभ हुआ उसी समय से साइकिल ने ऐसी रफ्तार पकड़ी की उसने बहुमत के लिए आवश्यक 202 के जादुई आंकड़े को पार कर ही दम लिया और वह फिलहाल 224 सीटें जीतकर इतिहास रचने के करीब पहुंच गई। इसके विपरीत हाथी की चाल शुरू से ही सुस्त रही और जैसे-जैसे नतीजे सामने आए वह 80 के आंकड़े पर पहुंचकर बेदम हो गई। अनुमान लगाया गया था कि सपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी लेकिन यह अनुमान सपा नेताओं को भी नहीं था कि वह 220 के आंकड़े को पार करेगी।

 

वर्ष 2007 में चुनाव में कुल 97 सीटें जीतने वाली सपा के इस प्रदर्शन ने राजनीतिक पंडितों को चौंका कर रख दिया। वहीं बसपा, जिसने पिछले चुनाव में शानदार 206 सीटें जीतकर पहली बार अपने दम पर सरकार बनाई थी, उसका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। सपा को मिली भारी जीत के लिए जनता को धन्यवाद देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जनता ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर सपा पर विश्वास व्यक्त किया है। उनकी पार्टी की सरकार जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि सपा सरकार बनाने के बाद अपना पूरा का पूरा घोषणापत्र लागू करेगी, जिससे उत्तर प्रदेश खुशहाली और विकास के रास्ते पर जा सके। अखिलेश ने कहा कि बुधवार को पार्टी संसदीय दल की बैठक होगी। बैठक के बाद तय होगा कि सरकार बनाने का दावा कब पेश किया जाए।

उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था के मुद्दे पर हमें पूरे चुनाव के दौरान जनता को सफाई देनी पड़ी, लेकिन हम जनता को भरोसा दिलाते हैं कि सपा की सरकार में जो व्यक्ति कानून तोड़ेगा उसके खिलाफ कठोर कारवाई की जाएगी। अखिलेश ने कहा कि न तो किसी हाथी की मूर्ति को छेड़ा जाएगा और न ही मुख्यमंत्री मायावती की किसी मूर्ति को तोड़ा जाएगा। हमारी सरकार बदले की भावना के तहत कारवाई नहीं करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्कों और स्मारकों की खाली पड़ी जगह में शिक्षण संस्थान या अस्पताल खुल जाएं तो इससे लोगों को फायदा होगा।

 

मुख्यमंत्री कौन बनेगा, के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि पूरी पार्टी यही चाहती है कि नेता जी (मुलायम) मुख्यमंत्री बनें, इसलिए वही बनेंगे। चुनाव में प्रदर्शन से निराश भाजपा के लिए हालांकि तीसरे स्थान पर आना राहत की बात हो सकती है, लेकिन प्रदेश की राजनीति में पूरी तैयारी के साथ अपने 'युवराज' राहुल गांधी को उतारने वाली कांग्रेस के लिए परिणाम बहुत बड़ा झटका है। कांग्रेस रायबरेली जिले की सभी सीटों पर पराजित हो चुकी है।

 

प्रमुख राष्ट्रीय दलों कांग्रेस और भाजपा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। वर्ष 2007 में चुनाव में कुल 97 सीटें जीतने वाली सपा ने इस बार स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया। वहीं पिछले चुनाव में शानदार 206 सीटें जीतकर पहली बार अपने दम पर सरकार बनाने वाली बसपा का प्रदर्शन काफी खराब रहा।

 

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शिवपाल सिंह यादव ने इटावा की जसवंतनगर सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के मनीष यादव को 81084 मतों के भारी अंतर से पराजित किया। उन्नाव की सफीपुर (सुरक्षित) सीट से सपा के सुधीर रावत ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के रामबरन को 9036 मतों से हराकर यह सीट बरकरार रखी। शेखूपुर सीट से सपा के आशीष यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के भगवान सिंह शाक्य को 8219 मतों से पराजित करके यह सीट बसपा से छीन ली।

 

मोहान (सुरक्षित) सीट से बसपा के राधेलाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के मस्तराम को 9185 मतों से पराजित करके यह सीट बरकरार रखी। भगवंतनगर सीट से सपा के कुलदीप सेंगर ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की पूनम शुक्ला को 23846 मतों से हराकर बसपा से यह सीट छीन ली। पुरवा सीट से सपा के उदयराज यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के नरेन्द्र लोधी को 27853 मतों से हराकर यह सीट बरकरार रखी।

 

बांदा की तिंदवारी सीट से कांग्रेस के दलजीत सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के विशम्भर प्रसाद को 12302 मतों से पराजित करके सपा से यह सीट छीन ली। बबेरू सीट से सपा के विशम्भर सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के बृजमोहन निषाद को 3696 मतों से पराजित करके यह सीट बरकरार रखी।

 

नरैनी (सुरक्षित) सीट से बसपा के गया चरण दिनकर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के भरत लाल दिवाकर को 5300 मतों से पराजित करके यह सीट बरकरार रखी। फतेहपुर सीट से सपा के कासिम हसन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के जितेन्द्र लोधी को 3774 मतों से पराजित किया।

 

अयाह शाह सीट से बसपा के अयोध्या पाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के आनंद लोधी को 11080 मतों से पराजित किया। हुसैनगंज सीट से बसपा के मोहम्मद आसिफ ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की उषा मौर्य को 2851 मतों से हराया।

 

खागा (सुरक्षित) सीट से भाजपा के कृष्णा पासवान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के मुरलीधर को 18922 मतांे से पराजित किया।

First Published: Wednesday, March 7, 2012, 14:02

comments powered by Disqus