Last Updated: Sunday, September 23, 2012, 12:48

नई दिल्ली : डीजल के दाम बढ़ाने, सब्सिडी वाले रसोई गैस की संख्या सीमित करने और रिटेल में एफडीआई की अनुमति देने के अपने फैसले पर विपक्ष के निशाने पर आई सरकार अब अपनी छवि सुधारना चाहती है। सरकार अपनी छवि को चमकाने के लिए विज्ञापनों पर 100 करोड़ रुपए खर्च करेगी। यह रकम टेलीविजन और समाचार पत्रों को दिए जाने वाले विज्ञापनों पर खर्च होगी।
इन विज्ञापनों के जरिए जनता को आर्थिक सुधारों के फायदे बताए जाएंगे। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि लोगों को यह पता होना चाहिए कि देश हित में क्या है?
अगर कोई सरकार के खिलाफ झूठा प्रचार कर रहा है। लेकिन सरकार की नीतियों से जनता को फायदा हो रहा है तो लोगों को इसके बारे में पता होना चाहिए। यह सरकार का कर्तव्य है। नहीं तो आपको सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय बंद कर देना चाहिए।
वहीं विपक्ष सरकार के इस कदम को भी गलत ठहरा रहा है। भाजपा नेता यशवंत सिन्हा का कहना है कि सरकार करोड़ों रूपए व्यर्थ में खर्च कर रही है। पहले सरकार को अपने खर्च कम करने चाहिए। इसके बाद लोगों पर बोझ डालना चाहिए।
राजनीतिक मामलों की जानकार नीरजा चौधरी का कहना है कि सरकार को लोगों को यह बताना चाहिए कि उसकी क्या मजबूरियां हैं? उसने कड़े कदम क्यों उठाए? लोगों तक अपनी बात पहुंचाना सरकार का हक है लेकिन सरकार को भी मितव्ययी होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि रिटेल में एफडीआई के फैसले को जनता के हित में बताते हुए पिछले हफ्ते सरकार ने विभिन्न समाचार पत्रों को बड़े बड़े विज्ञापन दिए थे। भारत निर्माण पर बनी फिल्म को भी विभिन्न टीवी चैनलों पर दिखाया जा रहा है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 23, 2012, 12:48