Last Updated: Monday, August 6, 2012, 19:03
नई दिल्ली : केंद्र में सत्तारूढ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन :संप्रग: की नवगठित समन्वय समिति की पहली बैठक आठ अगस्त को आयोजित की जा रही है ताकि गठबंधन का कामकाज सुचारू ढंग से चलाना सुनिश्चित किया जा सके।
संप्रग समन्वय समिति का गठन एक पखवाड़े पहले उस समय किया गया था जब राकांपा नेता शरद यादव और प्रफुल्ल पटेल ने सरकार से हटने की धमकी दी थी। राकांपा की मांग को मानते हुए कांग्रेस ने 24 जुलाई को समन्वय समिति गठित करने पर सहमति व्यक्त की थी।
समन्वय समिति की स्थापना तब की गई थी राकांपा प्रमुख शरद पवार और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और इस विषय पर चर्चा की। इस विषय पर करीब एक सप्ताह तक गतिरोध रहा था और पवार एवं पटेल ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की पेशकश की थी।
दोनों दलों की ओर से बाद में जारी बयान में कहा गया कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी ताकि संप्रग के सहयोगी महीने में कम से कम एक बार मिले और नीतियों एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा करें। गठबंधन के सभी सहयोगी इस समिति का हिस्सा होंगे। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी इस समिति की सदस्य है जिसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, रक्षा मंत्री ए के एंटनी, वित्त मंत्री पी चिदंबरम, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे आदि सदस्य हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 6, 2012, 19:03