यूपीए सरकार से समर्थन नहीं अपने मंत्री खीचेंगी ममता!

यूपीए सरकार से समर्थन नहीं अपने मंत्री खीचेंगी ममता!

यूपीए सरकार से समर्थन नहीं अपने मंत्री खीचेंगी ममता!ज़ी न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली/कोलकाता : पहले डीजल मूल्य वृद्धि और रियायती दर पर रसोई गैस सिलिंडरों की संख्या सीमित करने का फैसला। फिर अगले ही दिन मल्टीब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का फैसला और इसके साथ ही आर्थिक मोर्चे पर लिए गए कुछ अन्य फैसलों ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है। इस बीच ऐसी चर्चा है कि केंद्र सरकार पर इन फैसलों को वापस लेने के लिए दबाव बनाने के मकसद से तृणमूल कांग्रेस के केंद्र सरकार में शामिल मंत्री अपने पदों से इस्तीफा दे सकते हैं। लेकिन सूत्र बताते हैं कि सरकार को गिराने का ममता का कोई इरादा फिलहाल नहीं है।

तृणमूल कांग्रेस ने जहां सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दे रखा है वहीं बसपा, सपा और डीएमके ने आंखें तरेर रखी हैं। तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को कहा कि अगर संप्रग सरकार 72 घंटे में मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई का फैसला और डीजल मूल्य वृद्धि वापस नहीं लेती तो वह कड़े फैसले लेने को मजबूर होगी। तृणमूल की इन धमकियों पर पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने रविवार को कहा कि पार्टी हालांकि तृणमूल को साथ रखना चाहती है, लेकिन यदि वह साथ छोड़ना चाहती है, तो कांग्रेस को कोई समस्या नहीं है।

उधर, नई दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को कहा कि अगर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार 72 घंटे में बहुब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का फैसला और डीजल मूल्य वृद्धि वापस नहीं लेती तो उनकी पार्टी कड़े फैसले लेने को मजबूर होगी। तृणमूल नेता और केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री सौगत रॉय ने कहा कि पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी इस बारे में पार्टी की संसदीय दल की बैठक बुलाएंगी जिसमें अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी घटक है। तृणमूल के लोकसभा में 19 सांसद हैं और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में उसके छह मंत्री हैं। शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक रैली में प्रधानमंत्री पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा था, `हम सरकार को गिराने के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन उन्हें लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखना चाहिए। हम जनविरोधी फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे।`

First Published: Sunday, September 16, 2012, 23:48

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