Last Updated: Wednesday, November 2, 2011, 06:58
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उम्मीद जताई है कि जी-20 शिखर सम्मेलन में नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक मजबूत और नपा-तुला रुख अपनाएंगे। सिंह ने यूरो जोन में ऋण संकट के मद्देनजर यूरोप एवं अन्यत्र आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए जल्द ही निर्णय किए जाने की जरूरत पर बल दिया।
फ्रांस के रिविएरा में दो दिवसीय कान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह कान शिखर सम्मेलन के लिए महत्वपूर्ण है कि वह मध्यम कालीन ढांचागत मुद्दों पर ध्यान देते समय मजबूत एवं समन्वय भरा रुख अपनाए जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाया जा सके।’
सिंह ने कहा कि कुछ दिनों पहले यूरोपीय संघ और यूरोजोन के सम्मेलनों के बाद भले ही बाजार में विश्वास बहाली के उपाय किए जा रहे हैं, ऋण संकट से निपटने के लिए बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। यूरो जोन को एक ऐतिहासिक परियोजना बताते हुए सिंह ने कहा, ‘भारत चाहेगा कि यूरोजोन फले-फूले क्योंकि यूरोप की समृद्धि पर हमारी समृद्धि निर्भर है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को व्यापक चुनौतियों का सामना करने के लिए एक अनुकूल वैश्विक आर्थिक वातावरण की जरूरत है। तेजी से एक-दूसरे पर निर्भर हो रही दुनिया में हमें संक्रमण के प्रभावों और अपनी अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति के दबावों से चौकन्ना रहना है। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि बहुपक्षीय विकास बैंकों के जरिए आवश्यक चीजों तक विकासशील देशों की पहुंच हो ताकि वे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने आधिक्य धन का इस्तेमाल कर सकें।
जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान चर्चा में वैश्विक प्रशासन का मुद्दा आएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह भारत के महत्व का मुद्दा है और हम प्रभावी एवं प्रतिनिध
First Published: Wednesday, November 2, 2011, 21:30