Last Updated: Friday, November 9, 2012, 22:14

बैंगलुरु : क्षेत्रीय पार्टी बनाने के अपने मकसद को गति देते हुए पूर्व मुख्य मंत्री बी एस येदियुरप्पा ने आज अपने वफादार वी धनंजय कुमार को कर्नाटक जनता पक्ष (केजेपी) का अध्यक्ष नियुक्त किया । येदियुरप्पा अगले माह औपचारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में वित्त एवं कपड़ा राज्य मंत्री रहे कुमार को मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार के खिलाफ जाने पर हाल में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था ।
केजेपी के सूत्रों ने बताया वह अंतरिम अध्यक्ष रहेंगे और जब भाजपा छोड़ने के बाद येदियुरप्पा नौ दिसम्बर को यहां से करीब 350 किलोमीटर दूर हावेरी में एक जनसभा में औपचारिक तौर पर केजेपी का गठन करेंगे तब पूर्व मुख्यमंत्री पार्टी नेतृत्व संभाल लेंगे ।
सूत्रों ने बताया कि केजेपी राज्य की एक पंजीकृत राजनीतिक पार्टी है । यह पिछले साल ही बनायी गयी और इसने अभी तक चुनाव नहीं लडा है । इसके अध्यक्ष प्रसन्ना कुमार ने आज पद से इस्तीफा दे दिया जिससे कुमार के लिये मार्ग प्रशस्त हो गया ।
कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि जैसा येदियुरप्पा ने कहा है कि वे भाजपा से संबंध तोड़ लेंगे हम उनसे आग्रह कर रहे हैं कि वह हमारे साथ आयें और केजेपी में शामिल हों और इसका नेतृत करे तथा हमें दिशा दें । हमें विश्वास है कि येदियुरप्पा जल्द शामिल होकर हमारा नेतृत्व करें ।
कुमार ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय दल कांग्रेस और भाजपा-क्षेत्रीय समस्याओं पर उचित ढंग से ध्यान नहीं दे रहे हैं । उन्होंने हाल में कावेरी नदी जल बंटवारा विवाद की मिसाल देते हुए कहा कि दोनों दलों ने कनार्टक के हितों के समर्थन में एक शब्द भी नहीं कहा । उन्होंने कहा कि हमारा दृढता से मानना है कि हमें एक क्षेत्रीय दल की जरूरत है ।
केजेपी ने पदाधिकारियों की भी घोषणा की । एम डी लक्ष्मीनारायण और के एच श्रीनिवास को क्रमश: महासचिव और वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियुक्त किया ।
येदियुरप्पा ने पिछले कुछ हफ्तों में बार बार कहा है कि भाजपा छोडने का उनका फैसला अंतिम और उससे पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता । (एजेंसी)
First Published: Friday, November 9, 2012, 12:41