Last Updated: Monday, December 31, 2012, 16:56
नई दिल्ली : माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि संसद का विशेष सत्र बुलाने का तब तक कोई मतलब नहीं रह जाता जब तक यौन उत्पीड़न विरोधी विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं कराया जाता।
येचुरी ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि हमने इस विधेयक को राज्यसभा में पारित कराने का मुद्दा उठाया था। यह लोकसभा में पारित हो गया है, लेकिन राज्यसभा में इसे पेश नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि संसद का विशेष सत्र बुलाने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। हमें कुछे चीजें करनी हैं। सरकार को सबसे पहले यौन उत्पीड़न विरोधी विधेयक को पारित कराना होगा, जो लंबित पड़ा है। इस तरह के अपराधों को लेकर त्वरित अदालतें स्थापित करने के मामले में येचुरी ने कहा कि ऐसी अदालतों को चलाने के लिए देश में न्यायाधीशों की कोई कमी नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 31, 2012, 16:56