Last Updated: Wednesday, May 30, 2012, 20:00
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
पुणे : सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने अपनी सेवानिवृति से एक दिन पहले कहा कि देश की सेना और रक्षा मंत्रालय के बीच में कोई विवाद नहीं है। जनरल ने विवादों की जड़ में मीडिया को कल्पनाशील बताते हुए कहा कि जो विवाद पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं उन्हें अपनी गलती बाद में महसूस होगी। मीडिया की कल्पनाशीलता इतनी ज्यादा है कि हर बात की कोई वजह ढूंढ़ लेती है। उन्होंने यह भी कहा कि सेना की आधुनिकीकरण प्रकिया जारी और भारतीय सेना किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है।
सेना प्रमुख ने यहां अपनी अंतिम प्रेस कांफ्रेंस में रक्षा मंत्री एके एंटनी की तारीफ करते हुए कहा कि सेना और रक्षा मंत्रालय में किसी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद क्या करना है, इसके बारे में कोई फैसला एक जून के बाद करेंगे। सेना प्रमख का कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हो रहा है।
उनसे जुड़े विवादों के बारे में पूछे जाने पर जनरल सिंह ने कहा कि कुछ विवाद गढ़े गए थे। कुछ विवाद उभर आए। कुछ विवादों के लिए मेरे मीडिया मित्रों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जिनकी कल्पना शक्ति इतनी अधिक है कि उन्हें हर झाड़ी के पीछे भूत नजर आता है।
जनरल सिंह ने कहा कि मैं यह कहना चाहूंगा कि इसने मुझे बिल्कुल भी चिंतित नहीं किया। किसी ने मुझसे कहा कि बहुत सारे लोग आपका अपमान करते हैं। वास्तव में आप उन अपमान के लायक हैं यदि आप उन पर प्रतिक्रिया जताते हैं। यदि आप उन अपमानों को लेकर चिंतित नहीं हैं तो उन पर प्रतिक्रिया नहीं करिए। उनके उस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाशप्राप्त) तेजिंदर सिंह ने उन्हें ‘घटिया स्तर’ के ट्रक सौदे को मंजूरी देने के लिए 14 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी, सेनाध्यक्ष ने कहा कि मैं उस पर प्रतिक्रिया नहीं करना चाहता जो तेजिंदर सिंह ने किया है। हममें से जो लोग उन्हें अच्छी तरह से जानते हैं यह जानते हैं कि वह किस तरह के प्रयास करते हैं, वह क्या करने के प्रयास करते रहे हैं और वह क्या करते रहे हैं।
जनरल सिंह ने कहा कि यह उन्हें फटकारने और कुछ करने का मंच नहीं है। वह जितना नीचे जाना चाहते हैं वह जा सकते हैं। तेजिंदर सिंह ने सेनाध्यक्ष की ओर से अपने खिलाफ लगाये गए सभी आरोपों से इनकार किया है। सेनाध्यक्ष ने यह भी कहा कि मैं इस बात को लेकर काफी आश्वस्त हूं कि जो व्यक्ति उस तरह के प्रयास करता है उसे स्वत: ही अपनी गलतियों का एहसास होगा। सेना की तैयारियों के बारे में प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र लीक होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह पत्र गोपनीय था। मैं उसके बारे में चर्चा नहीं करना चाहता।
जनरल सिंह ने कहा कि उन्होंिने सेना को भविष्य के लिए और अधिक प्रभावी, मुस्तैद और फिट बनाने के लिए एक लक्ष्य तय किया था। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमने सेना को उस रास्ते पर डाल दिया है। वह ऐसा कुछ नहीं था जिसे एक या दो वर्षों में हासिल किया जा सकता था। यह 15 से 20 वर्ष में हासिल होगा। मैं इस बात को लेकर पूर्ण रूप से आश्वस्त हूं कि यह जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सेना जो निश्चित करती है वह करती है। यह मेरी सेना या किसी अन्य की सेना नहीं। देश के रूप में हमें अपनी सेना पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना चाहिए।
उन्होंने महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए कहा कि गांधीजी ने कहा था कि गलत करना और गलत बर्दाश्त करना दोनों ही गलत है, हम इसे लेकर एकजुट हैं।
First Published: Wednesday, May 30, 2012, 20:00