Last Updated: Saturday, November 19, 2011, 05:43
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसियां
नई दिल्ली: सीबीआई ने शनिवार को पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष और दो दूरसंचार प्रदाताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद मुंबई में वोडाफोन और गुड़गांव में एयरटेल के कार्यालयों पर तलाशी ली।
इन सभी के खिलाफ प्रमोद महाजन के दूरसंचार मंत्री होने के दौरान स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमितताओं का आरोप है। एजेंसी के मुताबिक, घोष के अलावा भारत संचार निगम लिमिटेड के पूर्व निदेशक जे आर गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
एजेंसी ने बताया है कि मामला दर्ज करने के फौरन बाद सीबीआई के दलों ने मुंबई में वोडाफोन कार्यालय, गुड़गांव में एयरटेल कार्यालय के अलावा घोष और गुप्ता के निवासों पर तलाशी ली।
इन छापों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारती एयरटेल के अधिकारियों ने बताया कि उसने कॉरपोरेट सुशासन और नियामन संबंधी गतिविधियों में हमेशा उच्च मानक रखे हैं।
भारती एयरटेल के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘हम बताना चाहते हैं कि हमें समय-समय पर अब तक जितने भी स्पेक्ट्रम आवंटित किए गए हैं, वे सरकार की नीतियों के अनुरूप हैं ।’
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम अधिकारियों को सभी विवरण दे रहे हैं और इस मामले में जब जरूरत होगी, सहयोग करेंगे।’
सीबीआई ने महाजन के कार्यकाल के दौरान स्पेक्ट्रमों के कुछ कंपनियों को सीमा के बाहर आवंटन के मामले में जांच करने के लिए प्राथमिकी दर्ज करा दी है। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि दूरसंचार विभाग ने 2001 से 2003 के बीच महाजन के कार्यकाल के दौरान दूरसंचार कंपनियों के लिए बेस स्पेक्ट्रम 4.4 मेगाहर्ड्ज से बढ़ाकर 6.2 मेगाहर्ड्ज कर दिया और कंपनियों को अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटित कर दिए।
वोडाफोन ने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े उनके सभी दस्तावेज सरकार के नियमों के अनुरूप हैं और कंपनी अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं।
कंपनी के प्रवक्ता ने एक वक्तव्य में कहा, ‘सीबीआई अधिकारी सुबह हमारे दिल्ली और मुंबई कार्यालय में आए थे और उन्होंने 2001-02 के दौरान संचालकों को आवंटित स्पेक्ट्रमों के बारे में जानकारी मांगी। हमारे सभी दस्तावेज सरकारी नियम-कानून के अनुरूप हैं ।’
प्रवक्ता ने कहा, ‘वोडाफोन इंडिया अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है और हम उनकी जांच के दौरान उन्हें सभी जरूरी विवरण उपलब्ध कराएंगे ।’
First Published: Saturday, November 19, 2011, 21:57