‘राजनीति में जाने के विरोधियों की संख्या कम’

‘राजनीति में जाने के विरोधियों की संख्या कम’


नई दिल्ली : राजनीति के मैदान में कूदने को लेकर भंग की जा चुकी टीम अन्ना के कुछ सदस्यों की आलोचना के बीच सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसी भी फैसले पर 100 फीसदी सहमति नहीं हो सकती और ऐसे ‘प्रिय साथियों’ की संख्या बेहद कम है जो इसके खिलाफ हैं।

इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि जंतर-मंतर पर यहां अनिश्चितकालीन अनशन के समापन पर मिश्रित प्रतिक्रिया रही है क्योंकि टीम ने आंदोलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राजनैतिक विकल्प तैयार करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में 90 फीसदी लोगों ने अन्ना हजारे से राजनैतिक विकल्प मांगा है।

उन्होंने कहा कि लेकिन हमारे कुछ मित्र जो हमें बेहद प्रिय हैं और जिन्होंने विगत दो वषरें में इस आंदोलन में अपना दिमाग, शरीर और अपनी आत्मा झोंक दी, वे आहत हैं।

उस तरह के लोगों की तादाद ‘बेहद कम’ बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि उन लोगों ने उन्हें ई-मेल और एसएमएस भेजे हैं। केजरीवाल ने लिखा है कि उनका आरोप है कि आंदोलन को बेचा गया है। किसी भी फैसले पर शत प्रतिशत सहमति नहीं हो सकती। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 8, 2012, 20:27

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