राजनीतिक असहमति से अर्थव्यवस्था को क्षति: पीएम

राजनीतिक असहमति से अर्थव्यवस्था को क्षति: पीएम

राजनीतिक असहमति से अर्थव्यवस्था को क्षति: पीएम
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि राजनीतिक सहमति के अभाव के कारण देश के आर्थिक विकास को क्षति पहुंची है। प्रधानमंत्री ने यह बात स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कही। उनका भाषण वादों से भरा हुआ और घरेलू चिंताओं पर खासतौर से केंद्रित था।

देश के 66वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र को नौवीं बार सम्बोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने भ्रष्टाचार से लड़ने का संकल्प भी लिया और यह भी सुनिश्चित कराने के लिए कहा कि जिम्मेदार अधिकारी आधारहीन आरोपों से प्रभावित न होने पाए। प्रधानमंत्री ने महंगाई और नक्सलवाद पर बात की, कश्मीर और असम का जिक्र किया, लेकिन विदेश नीति पर कुछ नहीं कहा, न पाकिस्तान के बारे में न देश के वैश्विक ढांचे के बारे में ही। जबकि अधिकांश अवसरों पर यह उनका पसंदीदा विषय रहा है। इसके बदले 2014 के आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए उन्होंने घरेलू चिंताओं पर खासतौर से जोर दिया।

जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति में सुधार और पूर्वोत्तर में हिंसा थमने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद अभी भी एक बड़ी चिंता बना हुआ है। प्रधानमंत्री ने हाल में पुणे में हुए विस्फोट का जिक्र करते हुए कहा कि हर कीमत पर साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखना होगा। इस माह के शुरू में पुणे में हुई घटना से संकेत मिलता है कि सुरक्षा के लिए काफी कुछ किया जाना बाकी है।

प्रधानमंत्री के अनुसार, कई मुद्दों पर राजनीतिक आम सहमति के अभाव के कारण तेज आर्थिक विकास का माहौल नहीं बन पाया है। लेकिन उन्होंने राजनीतिक असहमति के मुद्दों को नहीं बताया। सिंह ने घरेलू घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि इससे हमारा आर्थिक विकास बाधित हो रहा है। लेकिन उन घरेलू घटनाक्रमों को नहीं बताया।

ज्ञात हो कि व्यापक तौर पर सराहे गए 20 वर्षो के आर्थिक सुधार के बावजूद राजनीतिक महकमा अभी भी विकास के कुछ मुद्दों पर बंटा हुआ है। हाल के दिनों में खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देने के सवाल पर सरकार को विपक्ष के साथ ही गठबंधन सहयोगियों से सख्त विरोध का सामना करना पड़ा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक आर्थिक संकट से बच नहीं सकता, लेकिन देश की आर्थिक विकास दर पिछले साल के 6.5 फीसदी से कुछ बेहतर रहेगी।

उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में ऐसे कदम उठाए जाएंगे, जिससे कि आर्थिक विकास दर योजना अवधि के आखिरी साल में वर्तमान 6.5 फीसदी से बढ़कर नौ फीसदी हो जाए। सिंह ने हालांकि चेतावनी भी दी कि इस साल खराब मानसून के कारण महंगाई कम कर पाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि इसके कारण खाद्यान्न उपलब्धता की समस्या पैदा नहीं होगी, क्योंकि सरकार के पास खाद्यान्न का विशाल भंडार है। लेकिन सिंह ने कहा कि यह कठिन समय ज्यादा लंबा नहीं खिंचेगा।

योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन समाप्त किए जाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार का मुकाबला करेगी। प्रधानमंत्री ने हिंदी में तैयार किया गया अपना भाषण पढ़ते हुए कहा कि हम भ्रष्टाचार मिटाने और लोकसेवकों के काम काज में अधिक पारदर्शिता तथा जवाबदेही लाने के लिए कोशिश जारी रखेंगे। सिंह ने कहा कि लेकिन हम इस बात का भी ध्यान रखेंगे कि इसके कारण ऐसी स्थिति न बन जाए कि आधारहीन आरोपों और गैर जरूरी मुकदमों के कारण सरकारी अधिकारियों का उत्साह टूट जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्यसभा में जल्द ही लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक पारित हो जाएगा। लोकसभा में यह विधेयक पारित हो चुका है।

असम में जातीय हिंसा के बारे में उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रत्येक पीड़ित को राहत पहुंचाने के लिए हर सम्भव कदम उठा रहे हैं। इस हिंसा में अबतक 70 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की कुछ सफलताओं का भी उल्लेख किया। सिंह ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत एक लाख से अधिक नए गांवों तक बिजली पहुंचाई गई है और सरकार अगले पांच सालों में हर घर तक बिजली पहुंचा देगी। सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त दवाई देने की योजना भी बनाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि अगले पांच सालों में आठ करोड़ भारतीयों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गांवों में आधे घरों के पास बैंक खाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कोशिश करेगी कि अगले दो साल में सभी घरों के पास एक बैंक खाता हो।

सिंह ने त्वरित गति से आधारभूत संरचनाओं के विकास की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि मंगल ग्रह के लिए एक अंतरिक्ष यान भेजा जाएगा, जो हमारे लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक बड़ा कदम होगा। अपने भाषण का समापन करते हुए सिंह ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत हमें विकास की नई ऊंचाई छूने से नहीं रोक सकती। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 15, 2012, 20:32

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