Last Updated: Sunday, January 27, 2013, 13:43

रांची : केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने आज यहां दो टूक कहा कि झारखंड राजनीतिक हस्तक्षेप और प्रशासनिक कमजोरी के कारण ही बर्बाद हुआ है और इसे दूर किये बिना यहां के लोगों की स्थिति में सुधार मुश्किल है।
नक्सलियों के गढ़ झारखंड के सारंडा के जंगलों में गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने आए रमेश ने बताया, ‘झारखंड में प्रकृति का दिया सब कुछ है। लेकिन यहां की बर्बादी का कारण सिर्फ राजनीतिक हस्तक्षेप और प्रशासनिक कमजोरी है।’ रमेश ने कहा कि झारखंड में अपने मंत्रालय से जुड़ी मनरेगा समेत अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में पिछले वर्ष उन्होंने स्वयं देखा कि राज्य के संबद्ध मंत्री लगातार राजनीतिक हस्तक्षेप कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘मैंने स्वयं मंत्री को योजनाओं के आवंटन और क्रियान्वयन में हस्तक्षेप न करने को कहा। उनके फिर भी न मानने पर इसकी शिकायत उनकी पार्टी के नेता से की।’ उन्होंने कहा, ‘फिर भी बात नहीं बनी तो मैंने मुख्यमंत्री को बहुत कड़ा पत्र लिखा और ग्रामीण रोजगार एवं विकास से जुड़ी योजनाओं के लिए केन्द्र से मिलने वाली राशि रोक देने की धमकी दी।’ रमेश ने कहा कि झारखंड में लगभग सभी केन्द्रीय योजनाओं में राजनीतिक हस्तक्षेप होते हैं जिसके चलते उनका उचित कार्यान्वयन नहीं हो पाता और जनता लाभ से वंचित रह जाती है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि कोई राज्य खनिज या अन्य प्राकृतिक संपदाओं से परिपूर्ण हो तो उसके नागरिक भी समृद्ध और खुशहाल ही हों। उन्होंने कहा कि नागरिकों की खुशहाली वहां के प्रशासन और सरकार पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि झारखंड की लचर प्राशासनिक व्यवस्था यहां के लोगों की कठिनाइयों के लिए बहुत हद तक जिम्मेदार रही है।
रांची से करीब 200 किमी दूर सारंडा के जंगलों में स्थित नक्सलियों के गढ़ दीघा गांव में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद रमेश ने दो टूक कहा कि वह लातेहार जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले नक्सलियों को आतंकवादी मानते हैं क्योंकि ऐसे नक्सलियों और आतंकवादियों में कोई फर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि वह नक्सलियों को आतंकवादी और उग्रवादी कहने में कोई गुरेज नहीं करते क्योंकि उनमें इंसानियत नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 27, 2013, 13:43