Last Updated: Tuesday, November 29, 2011, 16:13
नई दिल्ली : खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) कोई मुद्दा नहीं है और इसका इस्तेमाल सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने मंगलवार को यह बात कही।
आहलूवालिया ने कहा, हमने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई अब खोला है, चीन यह काम 20 साल पहले कर चुका है। इस तरह के मुद्दे विवादास्पद बन जाते हैं। लोकतंत्र में जो भी चीज विवादास्पद बनती है, उसका इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए होता है। उन्होंने कहा कि यह आशंका पूरी तरह निराधार है कि बहुराष्ट्रीय खुदरा कंपनियों के आने से लोग बेरोजगार होंगे।
स्कॉच के एक कार्यक्रम में आहलूवालिया ने कहा, इसका कोई आधार नहीं है। मुझे इसका पूरा विश्वास है। आहलूवालिया ने कहा कि अपनी वितरण श्रृंखला को मजबूत बनाने का बड़ा आधार बनता है। इसका आधुनिकीकरण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय कारपोरेट जगत पहले से खुदरा क्षेत्र में है और उससे किराना दुकानदार प्रभावित नहीं हुए हैं।
योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा, हर कोई कह रहा है कि एफडीआई से छोटे व्यापारी प्रभावित होंगे। यह एक तरह से आधुनिक रिटेल के खिलाफ तर्क है। यह कोई नया मसला नहीं है। आर्थिक रफ्तार में कमी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, यह अच्छा साल नहीं रहा है। विश्व अर्थव्यवस्था में हर किसी ने अपनी वृद्धि के अनुमान को कम किया है। उन्होंने कहा कि यदि इस साल वृद्धि दर थोड़ी कम रहती है, तो यह चिंता की बात नहीं होगी।
खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेशकों को स्टोर खोलने की अनुमति देने के सरकार के निर्णय के खिलाफ पिछले तीन दिन से संसद में गतिरोध बना हुआ है। विपक्ष के साथ साथ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के सहयोगी दल भी इसके विरोध में उतर आए हैं।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 29, 2011, 21:43