राजपथ का नाम किंग्सवे हुआ करता था - Zee News हिंदी

राजपथ का नाम किंग्सवे हुआ करता था

नई दिल्ली: क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रपति भवन का खूबसूरत नजारा जिस राजपथ से नजर आता है वह राजपथ कभी किंग्सवे कहलाता था। जब भारत सरकार ने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाने की तैयारी की तो कई सड़कों का नाम आधुनिक भारत के नेताओं और दिल्ली के शासकों के नाम पर रखा गया। यह प्रक्रिया ब्रिटिश काल की यादों को मिटाने की कोशिश भी कही जा सकती है।

 

राजपथ राष्ट्रपति भवन से विजय चौक होते हुए इंडिया गेट तक फैला है और इसके दायीं ओर नेशनल स्टेडियम है। कभी यह राजपथ किंग्सवे कहलाता था।

 

इसी तरह मोतीलाल नेहरू मार्ग को उस समय यॉर्क रोड कहा जाता था जब 1912 में एडविन लुटियन्स ने नयी दिल्ली का निर्माण शुरू किया था। आज मोतीलाल नेहरू मार्ग पर दिल्ली के मुख्यमंत्री सहित कई महत्वपूर्ण हस्तियों के सरकारी आवास हैं।

 

आधुनिक भारत की राजधानी नयी दिल्ली सोमवार को अपने इस सफर के सौ साल पूरे करने जा रही है और इन सौ बरसों में उसने बहुत कुछ बदलते देखा। सड़कों के नाम तो केवल एक उदाहरण हैं।तीनमूर्ति मार्ग कभी रॉबर्ट्स रोड कहलता था। यहां अब नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी है। आज का रफी मार्ग ब्रिटिश काल में ओल्ड मिल रोड कहलाता था। 30 जनवरी 1948 को बापू की हत्या जिस स्थान पर हुई उसे गांधी स्मृति और मार्ग को तीस जनवरी मार्ग कहा जाता है। लेकिन पहले तीस जनवरी मार्ग का नाम था अल्बूकर्क मार्ग।

 

पूर्ववर्ती कैनिंग रोड अब कांग्रेस के दिवंगत नेता माधवराव सिंधिया के नाम पर माधवराव सिंधिया मार्ग कहलाती है। जी बी रोड को स्वामी श्रद्धानंद रोड कहा जाता है।

 

कभी ब्रिटिशकाल की राजधानी का केंद्र रहे कनॉट प्लेस की कई सड़कों जैसे चेम्सफोर्ड रोड, मिन्टो रोड, हेली रोड के नाम नहीं बदले हैं। (एजेंसी )

First Published: Sunday, December 11, 2011, 12:41

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