Last Updated: Tuesday, August 30, 2011, 04:26
चेन्नई/नई दिल्ली : मद्रास हाई कोर्ट ने राजीव गांधी के हत्यारों की याचिका पर सुनवाई कर अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को 8 हफ़्तों के अन्दर जवाब देने को कहा है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि दया याचिका पर फैसला लेने में 11 साल क्यों लगें.
कोर्ट के इस आदेश के बाद अब 9 सितम्बर हो राजीव गांधी की हत्या के तीन दोषियों को फांसी नहीं होगी.
इस बीच तमिनाडु विधान सभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया. इस प्रस्ताव में राष्ट्रपति से राजीव गांधी की हत्या के तीन दोषियों की दया याचिका पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया है.
तीनों दोषियों-मुरुगन ऊर्फ श्रीहरण,टी सुथेंद्रराज ऊर्फ संथन और ए.जी.पेरारिवलन ऊर्फ अरिवु-ने नौ सितम्बर को तय मृत्युदंड को स्थगित किए जाने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका लगाई.
तीनों की ओर से मरूमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के महासचिव वाइको और वकील एन. चंद्रशेखरन ने याचिका लगाई.
डीएमके प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री एम.करुणानिधि ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि कई देशों ने मौत की सजा को अमानवीय बताया है.
उनके मुताबिक पश्चाताप मौत की सजा से अधिक कठोर है.उन्होंने कहा कि यदि राजीव गांधी आज जीवित होते, तो वह तीनों को माफ कर देते.
मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने करुणानिधि को दोहरे चरित्र वाला बताते हुए कहा कि उन्हीं की सरकार ने 19 अप्रैल 2000 को नलिनी की सजा को आजीवन कारोवास में बदलने और शेष तीनों की याचिका को खारिज करने का फैसला लिया था।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने 11 अगस्त को 1991 में राजीव गांधी की हत्या के तीन दोषियों मुरुगन, संथन और पेरारिवलन की दया याचिका खारिज कर दी थी. तीनों का सम्बंध लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) से था।
एक महिला ने चेन्नई के निकट श्रीपेरुम्बुदूर में एक चुनावी रैली में एक आत्मघाती बम हमले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. एक अदालत ने 1998 में इस मामले में 26 दोषियों को मृत्युदंड दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने 1999 में चार की मृत्युदंड को बरकरार रखा जबकि बाकियों की सजा को अलग-अलग समयावधि की सजा में बदल दी गई. मृत्युदंड की सजा पाने वाले चार दोषियों में उपर्युक्त तीन के अलावा एक भारतीय महिला नलिनी थी, जिसने हमलावरों को सहायता दी थी.
मुरुगन, संथन और पेरारिवलन ने भी अपनी सजा माफ किए जाने की याचिका लगाई थी, जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया.
First Published: Tuesday, August 30, 2011, 12:46