Last Updated: Monday, October 10, 2011, 10:19
नई दिल्ली: तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उस अपील का विरोध किया जिसमें मांग की गई है कि मौत की सजा को चुनौती देने वाली राजीव गांधी के हत्यारों की याचिकाओं पर सुनवाई मद्रास हाईकोर्ट से बाहर कराई जाए.
पूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारों ने अपनी मौत की सजा को इस आधार पर चुनौती दी है कि उनकी दया याचिका पर फैसला देने में राष्ट्रपति ने 11 साल का विलम्ब किया.
याचिकाकर्ता एल के वेंकट ने शीर्ष अदालत में अपील दायर कर मांग की थी कि राजीव हत्याकांड के दोषियों की याचिकाओं पर सुनवाई मद्रास हाईकोर्ट से बाहर कराई जाए क्योंकि वहां का माहौल सुनवाई के लिए ठीक नहीं है.
तमिलनाडु के अतिरिक्त महाधिवक्ता गुरुकृष्ण कुमार ने तीनों दोषियों की अपील पर सुनवाई राज्य हाईकोर्ट से स्थानांतारित किए जाने के आग्रह का विरोध करते हुए हाईकोर्ट के समक्ष इन आरोपों से इंकार किया कि राज्य में मामले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई के लिए माहौल अत्यंत खराब है.
मौत की सजा प्राप्त तीनों दोषियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने भी इस आधार पर सुनवाई स्थानांतरित किए जाने के आग्रह का विरोध किया कि अनुच्छेद 139ए (खास मामलों को स्थानांतरित करने से संबंधित) मामले के स्थानांतरण के लिए केवल भारत के अटॉर्नी जनरल या नाराज पक्षों को याचिका दायर करने की शक्ति प्रदान करता है.
First Published: Monday, October 10, 2011, 15:49