Last Updated: Friday, October 28, 2011, 08:41
चेन्नई : मद्रास हाईकोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या के मामले में मौत की सजा पाए दोषियों की याचिकाओं पर सुनवाई शुक्रवार को 29 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। याचिकाकर्ताओं ने मौत की सजा को बदलने के लिए याचिका दायर की है।
तीनों की याचिकाएं सुनवाई के लिए जैसे ही आई उसी समय एमडीएमके नेता वाइको ने न्यायमूर्ति सी. नागप्पन और एम. सत्यनारायण की अदालत से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पहले से ही इस मामले को चेन्नई से बाहर किसी और हाईकोर्ट में स्थानांतरित किए जाने की याचिका विचाराधीन है। मद्रास हाईकोर्ट की पीठ ने मामले की सुनवाई 29 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले 30 अगस्त को हाईकोर्ट ने मुरुगन, संतन और पेरारिवालन की याचिका को स्वीकार करते हुए उन्हें फांसी दिए जाने पर आठ सप्ताह के लिए रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ताओं ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने का अनुरोध किया है। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा तीनों की दया याचिका को ठुकरा दिए जाने के बाद अदालत द्वारा लगाई रोक उनके लिए बड़ी राहत लेकर आई थी। इससे पहले उनके फांसी की तिथि नौ सितंबर निर्धारित की गई थी।
उधर,
राजीव गांधी हत्या कांड में मौत की सजा का सामना कर रहे तीन दोषियों की ओर से दायर याचिका का केंद्र ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि दया याचिका को निपटाने में हो रही देर फांसी की सजा को कम करने के लिए वैध आधार नहीं है।
केंद्र ने मुरुगन, संतन और पेरारीवलन की याचिकाओं पर दाखिल किए गए अपने जवाबी हलफनामे में कहा है कि इसमें जितनी भी देर हो, यह न तो सजा कम करने की परिस्थिति नहीं है और न ही यह मौत की सजा कम करने के लिए कोई वैध आधार है तथा किसी भी स्थिति में अपराध की गंभीरता कम नहीं हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मद्रास हाईकोर्ट से स्थानांतरित किए जाने की याचिका पर 15 सितंबर को केंद्र, तमिलनाडु सरकार और सभी तीनों दोषियों को नोटिस जारी किया था।
(एजेंसी)
First Published: Friday, October 28, 2011, 18:20