राज्यसभा में लोकपाल की राह में कई कांटे - Zee News हिंदी

राज्यसभा में लोकपाल की राह में कई कांटे

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : लोकसभा में लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए लाए गए संशोधन विधेयक पर शर्मिंदगी झेलने के बाद सरकार आज राज्य सभा में हर पहलू पर विचार कर रही है, क्योंकि उसकी सहयोगी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ही लोकपाल विधेयक के उस प्रावधान का विरोध कर रही है, जिसमें राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति के बारे में नियम बनाए गए हैं। इसके अलावा भी कई कांटे उभरकर सामने आ रहे हैं।

 

राज्य सभा में तृणमूल इस पर एक संशोधन विधेयक भी लाने वाली है। पार्टी के इस स्पष्ट रुख के बीच कि वह संघीय संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होने देगी, राज्य सभा में विधेयक पेश होने से पहले ही तृणमूल कांग्रेस के छह राज्य सभा सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री मुकुल रॉय के निवास पर बैठक की।

 

जहाजरानी राज्य मंत्री मुकुल रॉय ने बताया कि लोकपाल विधेयक में लोकायुक्त से जुड़े प्रावधानों के लिए पार्टी सदन में संशोधन प्रस्ताव लाएगी। उन्होंने कहा कि प्रावधानों में परिवर्तन लाया जाना चाहिए। पार्टी को विधेयक के उन प्रावधानों पर आपति है, जिनमें राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति को अनिवार्य बना दिया गया है।

 

इसके अलाना भाजपा, वाम दल, बीजद और अन्नाद्रमुक जैसे दलों के रूख को लेकर भी आशंका है। बसपा, सपा एवं राजद के 27 सांसदों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि उनकी पार्टी मतदान से पहले ही लोकसभा में वाक आउट कर गई थी। इन दलों के अनुपस्थिति से लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पारित नहीं हो पाया। राज्यसभा में भी इन दलों के सदस्य यदि अनुपस्थित रहे तो लोकपाल को पारित कराने के लिए जरूरी बहुमत की खातिर भी संख्या बल कम हो जाएगा। इस स्थिति में सामान्य बहुमत घटकर 108 रह जाएगा।

 

243 सदस्यीय सदन में सत्तारुढ़ संप्रग के पास 101 सदस्यों का स्पष्ट समर्थन है और विधेयक को सामान्य बहुमत से पारित कराने के लिए उसे 21 और सदस्यों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी।

First Published: Thursday, December 29, 2011, 15:31

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