Last Updated: Tuesday, January 31, 2012, 11:20
नई दिल्ली : केंद्र
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को दावा किया कि मीडिया में प्रसारित किए गए ‘राडिया टेप’ में जोड़ तोड़ और छेड़छाड़ की गई थी और रिकार्ड की गई इन टेलीफोन वार्ताओं के टेप के लीक के लिए कोई सरकारी एजेंसी जिम्मेदार नहीं है।
उद्योगपति रतन टाटा की याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूति जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष दाखिल मोहरबंद गोपनीय रिपोर्ट में सरकार ने टैप की गयी टेलीफोन वार्ताओं के प्रसारित अंशों के बारे में ये दावे किए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उस समय कंपनियों के लिए लाबिंग का काम करने वाली नीरा राडिया की टेलीफोन बातचीत टैप (बीच में रिकार्ड) करने में दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों समेत आठ से दस एजेंसियां शामिल थीं।
मामले की सुनवाई कर रही खंडपीठ ने सरकार की इस रिपोर्ट के कुछ शुरुआती पृष्ठों को देखा है, जिसमें कहा गया है कि मीडिया में प्रसारित वार्ता के टेपों में जोड़ घटाव किए गए हैं।
रिपोर्ट का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति सिंघवी ने कहा कि बातचीत के शुरूआती और अंतिम अंश मूल टेप से मेल नहीं खाते हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि जो सरकारी अधिकारी मामले की जांच से जुड़े थे उन्हें जानकारी नहीं है कि ये टेप किसने लीक किए। खंडपीठ ने कहा कि यह संभव है कि ऐसा किसी और ने किया हो।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 1, 2012, 10:47