`राम को लेकर दिए बयान पर माफी नहीं मांगूंगा`

`राम को लेकर दिए बयान पर माफी नहीं मांगूंगा`

`राम को लेकर दिए बयान पर माफी नहीं मांगूंगा` ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : बीजेपी के राज्‍यसभा सांसद और वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता राम जेठमलानी ने शुक्रवार भगवान राम को बुरा पति करार देने वाले अपने बयान माफी मांगने से इनकार कर दिया। जेठमलानी के इस बयान ने भाजपा के समक्ष उलझनें खड़ी कर दी हैं क्‍योंकि पार्टी ने 1990 से ही राम मंदिर आंदोलन चलाया था।

जेठमलानी ने अपने बयान पर अड़े रहते हुए कहा कि उनके बयान में कुछ भी गलत नहीं है और वह इसके लिए माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें पता नहीं राम हुए भी थे या नहीं। राम मंदिर आंदोलन और हिंदुत्व के एजेंडे के साथ चल रही भाजपा के लिए अजीबोगरीब स्थिति पैदा करते हुए जेठमलानी ने भगवान राम को बुरा पति करार दिया। एक टीवी चैनल से बातचीत में जेठमलानी ने कहा कि मेरा इरादा पार्टी को परेशान करने का नहीं है और मैंने जो कुछ कहा है, उस पर कायम हूं।

गौर हो कि स्त्री पुरूष संबंधों पर लिखी गई एक किताब के विमोचन समारोह में जेठमलानी ने कहा कि राम बुरे पति थे। मैं उन्हें पसंद नहीं करता। उन्होंने सिर्फ इसलिए बेचारी महिला (सीताद्व) को निर्वासन में भेज दिया कि किसी मछुआरे ने कुछ कह दिया था। जेठमलानी ने लक्ष्मण के बारे में कहा कि वह तो ‘और बुरे’ थे। उन्होंने कहा कि जब सीता का हरण हुआ तो राम ने उन्हें (लक्ष्मण को) जाकर सीता का पता लगाने को कहा क्योंकि हरण के दौरान सीता की देखरेख का जिम्मा उन्हीं का (लक्ष्मण का) था। तब लक्ष्मण ने कह दिया कि वह (सीता) तो उनकी भाभी हैं और उन्होंने कभी उनका चेहरा नहीं देखा है, इसलिए वह उन्हें पहचान नहीं सकेंगे। इससे पहले, जेठमलानी ने धर्म के उपयोग के खिलाफ कहा कि आज हम एक चौराहे पर खड़े हैं। धर्म पूरी तरह बदल गया है। धर्म ने आतंक पैदा किया है। धर्म उन लोगों को पैदा कर रहा है जो हत्या के लिए फतवा जारी करते हैं।

उधर, पूर्व कानून मंत्री और सांसद राम जेठमलानी के भगवान राम संबंधी विवादास्पद बयान के खिलाफ आज एक स्थानीय अदालत में एक परिवाद दाखिल किया गया। इसमें कहा गया है कि जेठमलानी के बयान से हिन्दू समाज की भावनाएं आहत हुई है। अदालत ने इस मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 24 नवंबर तय की है। आरटीआई कार्यकर्ता संदीप शुक्ल की तरफ से उनके वकील शकील अहमद ने मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में दायर किए गए परिवाद में कहा गया कि भगवान राम के बारे में भाजपा नेता जेठमलानी के विवादास्पद बयान से हिंदू मतावलंबियों के साथ आम जनता की भावनायें भी आहत हुई है। परिवाद में कहा गया कि जेठमलानी ने मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम के बारे में जो भी बाते कही वह कतई बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। अदालत ने इस परिवाद को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई की अगली तारीख 24 नवंबर लगाई है।

First Published: Friday, November 9, 2012, 19:44

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