Last Updated: Thursday, August 9, 2012, 22:13

नई दिल्ली : योग गुरु बाबा रामदेव ने गुरुवार को अपने समर्थकों के साथ यहां तीन दिवसीय अनशन शुरू किया और मजबूत लोकपाल कानून बनाने एवं विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए सरकार को ‘अंतिम चेतावनी’ दी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इन मांगों के साथ अन्य मांगों पर की जाने वाली कार्रवाई का संकेत देने में विफल रही तो वह शनिवार को अपनी भावी रणनीति की घोषणा करेंगे।
गौरतलब है कि पिछले साल जून में मध्य रात्रि में पुलिस कार्रवाई के बाद उन्हें अपना आंदोलन समाप्त करना पड़ा था। एक बार फिर रामलीला मैदान में वापसी करते हुए योग गुरू ने दावा किया कि उनका कोई राजनैतिक एजेंडा नहीं है। उन्होंने कहा कि हम कोई आमरण अनशन नहीं कर रहे। न हीं हम अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं। हम तीन दिनों तक बिना अन्न और जल के रहेंगे। मैं सरकार को तीन दिन के भीतर फैसला लेने की अंतिम चेतावनी दे रहा हूं।
योगगुरु के मंच पर अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों में से कोई भी व्यक्ति नजर नहीं आए। हालांकि रामदेव ने गत माह टीम अन्ना के अनशन स्थल पर पहुंच कर अपना समर्थन जताया था। शाम को दिन भर की कार्यवाहियों को समेटते हुए रामदेव ने कहा कि अगर कालेधन को वापस लाने की उनकी मांगों को मान लिया जाता हे तो देश से महंगाई की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी और पेट्रोल की कीमत 35 रूपये तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए आपको एक साहसी और ईमानदार प्रधानमंत्री की जरूरत है।
हालांकि उन्होंने यह साफ किया कि उनकी किसी राजनीतिक पद की कोई मंशा नहीं है और वह प्रधानमंत्री बनना नहीं चाहते। रामदेव ने कहा कि वह किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत दिल्ली नहीं आए हैं और न ही उनका इरादा सत्ता में बैठे लोगों को हटाने या उनकी जगह किसी और को बिठाने का है।
उन्होंने कहा कि हम किसी को बदनाम करने नहीं आए, बल्कि हिन्दुस्तान को बनाने आए हैं। सरकार की तरफ से हरीश रावत और पवन बंसल का बयान आया है कि उनके दरवाजे हमसे बातचीत के लिए खुले हैं और हम भी उन्हें बताना चाहते हैं कि हमारे दरवाजे भी बातचीत के लिए खुले हुए हैं। रामदेव ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार एक कड़ा लोकपाल विधेयक जल्द से जल्द पेश करेगी। उन्होंने कहा कि लोकपाल की लड़ाई खत्म नहीं हुई है और वक्त आ गया है कि इसे पारित किया जाए। अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि ‘मजबूत’ लोकपाल बने ‘मजबूर’ लोकपाल नहीं।
अन्ना हजारे और उनकी टीम पर उन्होंने कहा कि अन्ना के ‘सामाजिक एजेंडे’ के साथ खड़ा रहूंगा लेकिन उनकी टीम पर कोई टिप्पणी कर विवाद पैदा नहीं करूंगा। नरेन्द्र मोदी के साथ मंच साझा किये जाने पर पैदा हुए विवाद पर उन्होंने कहा कि वह मोदी के बुलाने पर नहीं गए थे बल्कि जैन गुरू के आमंत्रण पर वहां गए थे। उन्होंने कहा कि गुजरात गांधी और पटेल जैसे महापुरूषों की जन्मभूमि है, जो उनके आदर्श है। रामदेव के दूसरे चरण के आंदोलन में उनके एजेंडा में कालेधन की वापसी के साथ साथ लोकपाल, सीबीआई को स्वतंत्र रखने और निर्वाचन आयोग, कैग, सीवीसी और सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को और अधिक पारदर्शी बनाने की मांग शामिल हो गई है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 9, 2012, 22:13