Last Updated: Wednesday, February 27, 2013, 21:08

नई दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल ने रामसेतु परियोजना मुद्दे पर आज सरकार को चेतावनी दी कि अगर सरकार 22 फरवरी को उच्चतम न्यायालय में दायर किया गया अपना शपथ पत्र वापस नहीं लेती है तो देश भर में आंदोलन किया जाएगा।
सिंघल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘2008 से परियोजना पर रोक लगी हुई है लेकिन सरकार परियोजना शुरू करने पर आतुर है जिसके लिए उसने फिर से शपथ पत्र दायर किया है। यह परियोजना आर्थिक और पारिस्थितिकी दृष्टि से सही नहीं है। आरके पचौरी की विशेषज्ञ समिति ने भी इसे आर्थिक दृष्टि से अव्यवहारिक और पर्यावरण के लिए खतरनाक बताया है। समिति ने परियोजना को समाप्त करने की अनुशंसा की थी।’
शपथ पत्र में सरकार ने सेतु समुद्रम परियोजना पर बनी डॉक्टर आरके पचौरी की विशेषज्ञ समिति के सुझावों को एक सिरे से खारिज कर दिया है। सेतु समुद्रम चैनल परियोजना पर 30 जून, 2008 को उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी थी जिसे लेकर सरकार ने अब फिर से शपथ पत्र दाखिल किया है। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि सरकार शपथ पत्र वापस ले और पचौरी की रिपोर्ट को मान ले। ऐसा नहीं होने पर देश भर में आंदोलन होगा।’
सिंघल ने आरोप लगाया, ‘इस परियोजना के पीछे सोनिया गांधी और करुणानिधि का हाथ है। वह भगवान राम के ऐतिहासिक एवं धार्मिक अवशेष को नष्ट करने पर तुले हैं। ये लोग राम के अस्तित्व को नहीं मानते। उन्हें लगता है कि वह राम के एकमात्र अवशेष को खत्म कर कहेंगे कि राम के होने का कोई प्रमाण ही नहीं है, और जब राम हुए ही नहीं है तो रामजन्म भूमि का मामला कैसा?’
सिंघल ने कहा, ‘देश में हिन्दुओं के स्वाभिमान पर हमला किया जा रहा है। वोट बैंक के लिए बांग्लादेशी नागरिकों को देश की नागरिकता दी जा रही है। सीमांत जिलों में हिन्दुओं की जनसंख्या कम हो रही है। पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के 250 गांवों में आग लगा दी गयी। दंगों में हिंदुओं पर बर्बर हमले किए गए।’
हैदराबाद बम धमाकों को लेकर सिंघल ने कहा, ‘यह हमले हिन्दुओं का मनोबल तोड़ने के लिए हैं। आतंकवादियों ने हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में दोबारा हमले किए। इसके पीछे जेहादी ताकतें हैं। देश गृहयुद्व की ओर बढ़ रहा है।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 27, 2013, 21:08