Last Updated: Thursday, December 8, 2011, 12:49
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी नई दिल्ली : संसद की स्थायी समिति की बैठक के दौरान गुरुवार को दो वरिष्ठ सांसदों के बीच हाथापाई की खबर है जो लोकतंत्र को शर्मशार करने वाली घटना है। वित्त मंत्रालय से संबद्ध संसद की स्थाई समिति की रिपोर्ट लीक होने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एसएस अहलूवालिया और कांग्रेस नेता राशिद अल्वी के बीच संसद भवन में धक्का-मुक्की हुई। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच हाथापाई और कागजातों की छीना-झपटी तक हो गई।
अल्वी ने संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि अहलूवालिया ने संसद भवन में समिति कक्ष के बाहर उनका मोबाइल छीनने का प्रयास किया और इसमें सफल नहीं होने पर उन्हें जोर से धक्का दे दिया। अहलूवालिया की यह कार्रवाई अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन वह उन्हें माफ करते हैं।
अल्वी ने कहा कि अहलूवालिया ने कई संवाददाताओं की उपस्थिति में उन्हें धक्का दिया। उनका यह रवैया संसद और उसके सदस्यों की गरिमा के विरूद्ध है तथा वह उम्मीद करते हैं कि अहलुवालिया भविष्य में इस तरह का बर्ताव नहीं करेंगे, जिससे संसद और सांसदों की गरिमा को चोट पहुंचे।
कांग्रेस नेता अल्वी ने यह भी बताया कि संसदीय समिति की बैठक से कुछ ही पहले उनके फोन पर उन्हें अहलूवालिया समझकर एक पत्रकार ने फोन किया और कहा कि अहलूवालिया जी आपने समिति के बारे में जो कहा है उस पर आगे बात करनी हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने समिति की बैठक में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अहलूवालिया ने समिति की गोपनीय रिपोर्ट को लीक करके ठीक नहीं किया। इस पर अहलूवालिया ने वहां पर भी उनका मोबाइल छीनने का प्रयास किया।
अल्वी ने कहा कि बैठक से बाहर आकर जब वह कुछ पत्रकारों को इसकी जानकारी दे रहे थे, तभी अहलूवालिया वहां आ गए और उनका फोन छीनने की कोशिश की। इसमें विफल रहने पर उन्होंने बहुत ही असभ्य ढंग से उन्हें जोर से धक्का दिया। इस धक्का से अल्वी लड़खडा़ गए और उनका चश्मा नीचे गिर गया। भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने उनका बचाव किया। अहलूवालिया के विरुद्ध राज्यसभा के सभाभति से शिकायत करने या उनके विरुद्ध विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर अल्वी ने कहा कि वह उन्हें माफ कर रहे हैं।
शायद अहलूवालिया को अहसास नहीं था कि वह क्या कर रहे हैं और इससे लोगों के बीच क्या संदेश जाएगा। अल्वी कांग्रेस के प्रवक्ता भी हैं। इस घटना के बाद वह सीधे पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में आए जहां संवाददाताओं के पूछने पर उन्होंने इस घटना की जानकारी दी। इस घटना के बारे में उस समय तक उनकी पार्टी के नेताओं से कोई बातचीत नहीं हुई थी। दो वरिष्ठ सांसदों के बीच इस तरह की नोंकझोंक की घटना संसदीय इतिहास में शायद पहली बार हुई है।
First Published: Thursday, December 8, 2011, 21:47