Last Updated: Sunday, May 6, 2012, 12:32
बेंगलुरु : भाकपा सचिव डी. राजा ने आज कहा कि वाम पार्टियां राष्ट्रपति पद के लिए ऐसे उम्मीदवार के पक्ष में हैं जिनकी व्यापक स्वीकार्यता हो और उनके बारे में फैसला आम सहमति से हो। राज्यसभा सदस्य राजा ने कहा कि अच्छा होगा अगर किसी उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति बनती हो।
उन्होंने कहा, ‘हमारा (वाम दलों) मानना है कि उम्मीदवार की व्यापक स्वीकार्यता हो।’ उन्होंने कहा कि भाकपा का अपना विचार है कि उम्मीदवार ‘राजनीतिक व्यक्ति’ होना चाहिए। राजा ने हालांकि कहा कि भारत में किसी भी व्यक्ति को गैर राजनीतिक नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि वाम दलों ने भोजन का अधिकार विधेयक के लिए देश व्यापी अभियान चलाने का फैसला किया है। इसके साथ ही उन्होंने जनवितरण प्रणाली को मतबूत, सरल और सार्वभौमिक बनाए जाने की जरूरत पर भी बल दिया। पार्टी की इसी महीने तीसरे हफ्ते में होने वाली बैठक में प्रस्तावित अभियान को अंतिम रूप दिया जाएगा।
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के करीब एक साल हो जाने पर सरकार के कामकाज के बारे में पूछे जाने पर राजा ने कहा कि उन्हें शासन की ओर ध्यान देने और अपने वायदों को पूरा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और बलात्कार मामलों आदि पर उनके बयानों और कदमों की न सिर्फ वाम बल्कि बुद्धिजीवी सहित समाज के विभिन्न वर्गों ने आलोचना की है।
ममता बनर्जी द्वारा विशेष पैकेज की मांग किए जाने पर राजा ने कहा कि बिहार और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने भी ऐसी मांगें की हैं और यह वास्तव में केंद्र.राज्य संबंधों से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भाजपा सरकार सूखे से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने में नाकाम रही है। वहीं केंद्र ने भी राज्य को पर्याप्त वित्तीय मदद नहीं दी है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, May 6, 2012, 18:02