Last Updated: Thursday, February 14, 2013, 19:04
नई दिल्ली : दया याचिकाओं के लंबित मामलों में प्रक्रिया तेज करते हुए गृह मंत्रालय ने सात मामले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अंतिम फैसले के लिए भेजे हैं।
इन सात मामलों में नौ लोग दोषी हैं। अभी हाल ही में राष्ट्रपति द्वारा दया याचिकाएं नामंजूर किये जाने के बाद मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब और संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दी गयी है।
पिछले एक पखवाड़े में गृह मंत्रालय की सिफारिश के साथ जिन दया याचिकाओं को राष्ट्रपति के पास भेजा गया है, उनमें सुंदर सिंह, जफर अली, प्रवीण कुमार, गुरमीत सिंह, धरमपाल, सुरेश और रामजी, सोनिया और संजीव शामिल है। उत्तराखंड के सिंह को बलात्कार और हत्या का दोषी करार दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के जफर अली पर पत्नी और पांच बेटियों की हत्या का दोष है। कर्नाटक का प्रवीण कुमार एक परिवार के चार सदस्यों की हत्या का दोषी है। उत्तर प्रदेश का ही गुरमीत सिंह एक परिवार के 13 सदस्यों की हत्या का दोषी है।
हरियाणा के धरमपाल ने बलात्कार के एक मामले में जमानत मिलने के बाद पांच लोगों की हत्या की थी। सुरेश और रामजी ने भाई के परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की थी। हरियाणा की सोनिया और संजीव ने सौतेले भाई और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या की थी, जिनमें तीन नाबालिग थे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मौत की सजा पाये आठ लोगों की दया याचिकाओं का निस्तारण कर दिया है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 14, 2013, 19:04