Last Updated: Thursday, May 3, 2012, 13:15
नई दिल्ली : देश के अगले राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर आम सहमति पर जोर दे रही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आज कहा कि उसने अभी तक अपने रूख को अंतिम रूप नहीं दिया है और कोई भी फैसला करने से पहले वह अन्य राजनीतिक दलों से सलाह मशविरा करेगी।
माकपा महासचिव प्रकाश कारात ने इस मुद्दे पर किए गए सवाल के जवाब में कहा कि जहां तक राष्ट्रपति चुनाव का सवाल है, पार्टी ने अब तक अपने रूख के बारे में चर्चा नहीं की है। हम अन्य दलों से भी विचार विमर्श करेंगे। वाम दलों की कल बैठक हो रही है और उसके बाद छह मई को माकपा पोलित ब्यूरो की बैठक है, जिसमें फैसला किया जाएगा। पार्टी सांसद एवं पोलित ब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा कि वाम दल राष्ट्रपति चुनावों को लेकर कल चर्चा करेंगे।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति का चयन यदि आम सहमति से होता है तो यह देशहित में होगा लेकिन यदि आम सहमति नहीं है तो चुनाव होंगे। इस मुद्दे पर आम सहमति कायम करने की जिम्मेदारी सत्ताधारी दल की है। उसे पहल कर आम सहमति बनाने की कोशिश करनी चाहिए। येचुरी ने कहा कि एपीजे अब्दुल कलाम 2002 में इस पद के लिए चुनाव लड़े थे और वामदलों ने उस समय इंडियन नेशनल आर्मी की कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान में उतारा था क्योंकि आम सहमति नहीं थी।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी जैसे उम्मीदवारों के बारे में वामदलों का नजरिया पूछने पर उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस इन दो नामों का ही विकल्प लेकर चलती है तो वाम दल देखना चाहेंगे कि किसके नाम को लेकर आम सहमति है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, May 3, 2012, 18:45