Last Updated: Sunday, July 15, 2012, 23:22

श्रीनगर/भुवनेश्वर : राष्ट्रपति चुनाव के लिए महज तीन दिन शेष रहने के बीच संप्रग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी ने आज फिर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से समर्थन मांगते हुए उन्हें पत्र लिखा, वहीं उनके प्रतिद्वन्द्वी पी ए संगमा ने दावा किया कि उन्हें 18 राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है और कुछ कांग्रेस के नेता भी शामिल हैं।
मुखर्जी ने अपने पत्र में कहा, राष्ट्रपति पार्टी राजनीति से उपर होता है। एक मौका दीजिये। मेरा प्रयास होगा कि इस पद के मूल्यों-ईमानदारी, निष्पक्षता तथा हमारे संविधान की भावना सर्वधर्म समभाव को प्रोत्साहन देने की रक्षा की जाये। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस पत्र को अपने फेसबुक पेज पर यह कहकर लगा दिया है कि उन्हें यह आज ही प्राप्त हुआ है।
मुखर्जी ने कहा, यदि मेरे चुनाव का कोई अर्थ है तो यह केवल मातृभूमि के प्रति हमारी साझा सेवा का हिस्सा है। इसी भावना के वशीभूत मैं आपका मूल्यवान सहयोग मांग रहा हूं उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि संप्रग सहयोगियों और अन्य दलों ने उन्हें इस पद के लिए योग्य समझा।
भुवनेश्वर में संगमा ने सत्तारूढ बीजद के सांसदों और विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, 18 राजनीतिक दलों ने मुझे समर्थन का भरोसा दिया है। कुछ राजनीतिक दल एक दो दिन में घोषणा करेंगे और कुछ इसके बारे में कोई घोषणा नहीं कर सकते हैं। हमें उम्मीद है कि वे मुझे समर्थन देंगे।’’ उन्होंने कहा कि वह 1969 की परिस्थिति के दोहराये जाने को लेकर आशावान है जब वीवी गिरी ने कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार को पराजित किया था।
संगमा ने कहा, चूंकि इस चुनाव में कोई व्हिप, या लिखित निर्देश नहीं होता, मुझे उम्मीद है कि कई सांसदों एवं विधायकों का मुझे समर्थन मिलेगा। लिहाजा चुनाव जीतने की मेरी संभावना काफी अच्छी हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ कांग्रेसजनों का समर्थन भी मिलने की उम्मीद है। बाद में संगमा ने गुवाहाटी में कांग्रेस के विधायकों और सांसदों से मुलाकात की और कहा कि वह निर्भय होकर उन्हें वोट दें। उन्होंने कहा कि कोई आधिकारिक व्हिप नहीं है लिहाजा उन्हें डरने की जरूरत नहीं है इसके अलावा चुनाव में गुप्त मतदान होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी को डरने की जरूरत नहीं है। मैं यह संदेश खासतौर पर कांग्रेस विधायकों और सांसदों के लिए दे रहा हूं। संविधान कहता है कि आप जिसे चाहे वोट दे सकते हैं। पार्टी आपको निर्देश नहीं दे सकती। यह आपकी पसंद और आपकी अंतरात्मा की आवाज होगी। ममता को लिखे पत्र में पश्चिम बंगाल के अपने पैतृक गांव से अपना सार्वजनिक जीवन शुरू करने की बात का स्मरण करते हुए मुखर्जी ने कहा कि राजनीति में उनकी शुरूआत इंदिरा गांधी के गरीब समर्थक प्रतिबद्धता के साथ हुई।
मुखर्जी ने कहा कि उनका यह स्वप्न रहा है कि हमारे जीवनकाल में गरीबी की समस्या मिट सके। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पहले ही कह चुकी है कि वह 19 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव से तीन दिन पहले इस बात का निर्णय सार्वजनिक कर देंगी कि उनका दल किसे समर्थन देगा।
आज दिन में मुखर्जी से श्रीनगर में यह पूछे जाने पर कि क्या वह ममता से समर्थन देने की अपील करेंगे, उन्होंने कहा ‘‘मैं लगभग हर दिन उनसे अपील करता हूं, निर्णय करने का काम उनका है। बहरहाल, प्रणव ने यहां सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस.कांग्रेस गठबंधन, विपक्षी पीडीपी और तीन निर्दलीय विधायकों से मुलाकात की।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी बैठकें राजनीतिक दलों को धन्यवाद देने का हिस्सा है। राष्ट्रपति के चुनाव में राज्यसभा के 233, लोकसभा के 543 सदस्य तथा राज्य विधानसभाओं के 4120 सहित सहित कुल 1098882 मत पड़ेगे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 15, 2012, 23:22