राष्ट्रपति चुनाव: बीजेपी ने संगमा को उम्मीदवार बनाया

राष्ट्रपति चुनाव: बीजेपी ने संगमा को उम्मीदवार बनाया

राष्ट्रपति चुनाव: बीजेपी ने संगमा को उम्मीदवार बनायानई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मुख्य विपक्षी गठबंधन में राजग में आम राय नहीं बन पाने पर भाजपा ने आज इस शीर्ष संवैधानिक पद के लिए पी ए संगमा को समर्थन देने की घोषणा की जबकि इसके दो अन्य घटक दल शिवसेना और जदयू ने संप्रग के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी को समर्थन देने का मन बनाया है।

राजग की दो बैठकों के बाद भी घटक दलों को मुखर्जी के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के लिए सहयोगी दलों को राज़ी कर पाने में असफल होने पर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने यहां भाजपा मुख्यालय में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में संगमा को पार्टी की ओर से समर्थन दिए जाने की औपचारिक घोषणा की।

सुषमा ने हालांकि दावा किया कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजग में आम सहमति नहीं बन पाने के बावजूद ‘विपक्षी गठबंधन इतना परिपक्व है कि भाजपा के इस फैसले से शिव सेना या जदयू के साथ संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’

उन्होंने कहा कि संगमा को समर्थन देने के बारे में भाजपा को अकाली दल का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि संप्रग के घटक दल और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस को वह संगमा के समर्थन में साथ लाने का प्रयास करेंगी।

विपक्ष की नेता ने स्वीकार किया कि संगमा को समर्थन देने के संबंध में राजग विभाजित है। बहरहाल उन्होंने शिव सेना और जदयू से अपील की कि वे अपने रूख पर पुनर्विचार करें।


संगमा के जीतने की संभावना के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा को अपनी ताकत का अदांज़ा है लेकिन वह राष्ट्रपति पद की चुनावी टक्कर में कांग्रेस को वाकओवर नहीं देना चाहती। उन्होंने कहा कि वैसे भी ‘मुखर्जी की उम्मीदवारी तय करने से पहले संप्रग ने हमसे कोई विचार विमर्श नहीं किया।

सुषमा और जेटली ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि भाजपा को इस बात का दु:ख है कि राजग के कुछ मित्र दलों ने उसका साथ नहीं दिया । मुखर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने के पार्टी के फैसले में वजन बताते हुए बयान में कहा गया है कि इस निर्णय के कई कारण हैं।

उन्होंने पहला कारण यह बताया कि संप्रग ने विपक्ष के साथ इस मुद्दे पर पहले विचार विमर्श नहीं किया था । विपक्ष को उम्मीदवार की घोषणा करने के बाद केवल सूचित किया गया और उनकी मर्जी के हिसाब से समर्थन करने को कहा गया।

मुखर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने को सही ठहराते हुए बयान में कहा गया कि भारत के अधिकतर राष्ट्रपति चुनाव के जरिये ही शीर्ष पद पर पहुंचे हैं, इसलिए चुनाव का विचार लोकतंत्र का हिस्सा है और कोई अनजान विचार नहीं है।

चुनाव लड़ने की एक वजह बताते हुए इसमें कहा गया, ‘भाजपा विपक्षी दल के सिद्धांत के चरित्र को बनाए रखना चाहती है और सरकार को छूट नहीं देना चाहती, जिसने समर्थन जुटाने के लिए साम दाम दंड भेद का इस्तेमाल किया है। दोनों ने कहा कि सत्ताधारी संप्रग गठबंधन जनता से पूरी तरह अलग थलग पड गया है । (एजेंसी)

First Published: Thursday, June 21, 2012, 15:27

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