‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोई सुरक्षित नहीं’- `No body is safe in national capital Delhi`

‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोई सुरक्षित नहीं’

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्ययालय ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को एक चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस से इस मामले में शुक्रवार को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। दिल्ली सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि मामले की जांच के लिए पुलिस उपायुक्त छाया शर्मा की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है।

अदालत ने एसआईटी से दो दिन के अंदर यह बताने के लिए कहा है कि मामले में जांच कहां तक पहुंची। न्यायमूर्ति डी. मुरुगेसन व न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की खंडपीठ ने सरकार व पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि जांच उच्च-स्तरीय हो व शीघ्रता से संपन्नॉ हो। न्यायमूर्ति मुरुगेसन ने कहा कि यहां कोई सुरक्षित नहीं है, इस तरह की घटनाएं यहां बार-बार देखी जा रही हैं।

खंडपीठ ने दिल्ली सरकार को पीड़िता व उसके पुरुष मित्र को सबसे अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया। खंडपीठ ने कहा कि पीड़िता व उसके मित्र को सबसे अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएं और यदि आवश्यकता हो तो उसका इलाज सबसे अच्छे निजी अस्पताल में कराया जाए। यदि उसे दूसरे अस्पताल ले जाना सम्भव न हो, तो उसके लिए अच्छे चिकित्सकों को इसी अस्पताल में बुलाया जाए। दिल्ली सरकार के वकील नाजमी वजीरी ने न्यायालय को बताया कि महिला की हालत गम्भीर है और उसे सबसे अच्छा इलाज दिया जा रहा है।

वकील ने कहा कि यदि उसे किसी अन्य अस्पताल ले जाने की आवश्यकता हुई तो हम इसके स्थान पर सबसे अच्छे चिकित्सकों को यहां लाएंगे। हमने युवती के परिवार से उसे सबसे अच्छी चिकित्सा उपलब्ध कराने का वादा किया है। खंडपीठ ने कहा कि वह मामले की निगरानी करेगी। उसने पुलिस आयुक्त नीरज कुमार को दो दिन के अंदर मामले में जांच की रिपोर्ट देने व घटना की रात सम्बद्ध पुलिस चौकियों पर तैनात पुलिस अधिकारियों के नामों की जानकारी देने के लिए कहा है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, December 19, 2012, 17:26

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