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राष्‍ट्रपति चुनाव:उम्‍मीदवारी पर एनडीए में दरार



ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी

 

नई दिल्‍ली : राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में मतभेद मंगलवार को खुलकर सामने आ गया। उम्मीदवारी के लिए कई नाम उछलने के बावजूद राजनीतिक पार्टियों में किसी एक नाम पर सहमति बनती नहीं दिख रही है। वहीं, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने हालांकि, संकेत दिया है कि वह राष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार को अपना समर्थन दे सकती है।

 

 

जदयू का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भाजपा का जो रुख है वह जदयू का नहीं है। एकतरफा घोषणा के लिए भाजपा को झिड़की लगाते हुए जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सुषमा स्वराज ने जो कुछ भी कहा है यह भाजपा की राय है। यह हमारी पार्टी की राय नहीं है। राजग की किसी बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई है। भाजपा ने इस मुद्दे पर हमसे चर्चा नहीं की है। शरद यादव विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के कल के उस बयान पर प्रतिक्रिया जता रहे थे, जिसमें सुषमा ने कहा था कि भाजपा वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी या कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए पेश किए जाने वाले किसी अन्य उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेगी। सुषमा स्वराज ने यह भी कहा था कि अगर समाजवादी पार्टी जैसे दल इस पद के लिए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम को आगे बढाती है तो उन्हें समर्थन करने के विचार के प्रति पार्टी का विकल्प खुला है।

 

यह पूछे जाने पर कि क्या जदयू सुषमा के रुख से सहमत है यादव ने कहा कि हमारी अलग पार्टी है और उनकी अलग। इस मुद्दे पर अब तक न तो हमने भाजपा से चर्चा की है और न ही उन्होंने हमसे बात की। शरद यादव ने कहा कि राजग ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के किसी नाम पर चर्चा नहीं की हैं। पार्टी के अंदर चर्चा करने के बाद ही पार्टी इस बारे में अपनी राय बनाएगी। जब भी इस तरह की चर्चा होगी जदयू अपनी राय रखेगी ।

 

सुषमा स्वराज ने अपनी पार्टी की राय रखी है। यादव राजग के संयोजक भी हैं। उन्होंने इस संदर्भ में शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल के बयान का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि राजग द्वारा इस मुद्दे पर अभी फैसला नहीं किया गया है। उन्‍होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि उन्होंने इस मुद्दे पर राजग के अन्य घटक दलों से विचार विमर्श किया है या नहीं । बादल ने कहा था कि राजग की अभी तक कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई है और इसलिए मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं कह सकता कि राष्ट्रपति पद के लिए राजग का उम्मीदवार कौन होगा।

 

राजग में दरार को पाटने की कोशिश करते हुए भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि बाद में कहा कि यादव ने बिल्कुल सही कहा है कि सुषमा के बयान पार्टी के विचार हैं। रूड़ी ने कहा कि सुषमा ने कहा था कि इस पर राजग में चर्चा नहीं हुई है। इस पर दोनों नेताओं (सुषमा-शरद) ने एक ही बात कही है। भाजपा और जद (यू) में इस मुद्दे पर कोई मतभेद नहीं है। ये केवल अटकलें हैं या इसकी गलत व्याख्या की गई। भाजपा नेताओं ने कहा कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर वे शीघ्र ही राजग के सहयोगियों और उसके बाद विपक्ष के अन्य दलों के साथ बैठक करेंगे।

 

उधर, भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि पार्टी ऐसा नाम चाहती है, जिस पर सभी सहमत हो सकें। नकवी ने यहां कहा कि हम चाहते हैं कि ऐसा उम्मीदवार लाया जाएं जिस पर सभी दलों में सहमति बन सके, लेकिन कांग्रेस ने पिछले राष्ट्रपति चुनाव में जो किया, उसे देखते हुए हमें इसकी कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि उसने एक सर्वसम्मत राष्ट्रपति चुनने के बदले राष्ट्रपति चुनाव को चुनावी मैदान में तब्दील कर दिया था। नकवी ने कहा कि यदि वे किसी राजनीतिक शख्सियत को सामने लाएंगे तो निश्चिततौर पर हम उसे स्वीकार नहीं करेंगे।

 

वहीं, कांग्रेस नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी (सपा) ने कहा कि कलाम एक अच्छे विकल्प हैं और उसने किसी मुस्लिम उम्मीदवार की वकालत की। सपा नेता कमाल फारुखी ने भी मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी और राज्यसभा के पूर्व उपसभापति के. रहमान खान के नाम सुझाए। फारुखी ने एक न्‍यूज चैनल से कहा कि मेरी पार्टी नाम पर चर्चा कर रही है। हम बहुत जल्द ही किसी नाम को लेकर सामने आएंगे। गैर राजग दल एक मुस्लिम उम्मीदवार के पक्ष में हैं, और चूंकि भाजपा एपीजे अब्दुल कलाम के पक्ष में है, लिहाजा वह भी एक अच्छे मुस्लिम उम्मीदवार का समर्थन कर सकती है। फारुखी ने कहा कि कलाम साहब एक अच्छे उम्मीदवार हैं, लेकिन हम अभी तक किसी नाम पर सहमत नहीं हो पाए हैं, हम इस पर चर्चा कर रहे हैं। गौर हो कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का कार्यकाल जुलाई के तीसरे सप्ताह में समाप्त हो रहा है।

 

वाम पंथी नेताओं ने हालांकि, संकेत दिया है कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने में वे कांग्रेस के साथ जा सकते हैं। माकपा की पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने स्वराज के कथित बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उप राष्ट्रपति की गरिमा के बारे में बात करना उचित नहीं है। स्वराज ने कथित रूप से कहा था कि अंसारी का कद राष्ट्रपति पद के अनुरूप नहीं है। राष्ट्रपति पद के लिए किस उम्मीदवार का समर्थन करना है, इस पर निर्णय के लिए वामपंथी पार्टियां चार मई को बैठक करेंगी। माकपा नेता सीताराम येचुरी पहले कह चुके हैं कि राजनीतिक अथवा गैर-राजनीतिक उम्मीदवार से फर्क नहीं पड़ता।

 

संप्रग के पास 40 प्रतिशत से अधिक वोट हैं, जबकि राजग के पास 30 प्रतिशत से कम। इस तरह किसी भी गठबंधन के पास इतना वोट नहीं है कि वह किसी को राष्ट्रपति चुन सके। दूसरी तरफ पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने अपने पिता प्रकाश सिंह बादल को देश का आगामी उपराष्ट्रपति बनाए जाने की संभावनाओं पर कुछ नहीं कहा। पूछने पर कि अगर बादल देश के अगले उपराष्ट्रपति बन गए तो, सुखबीर ने कहा, ‘राजग नेतृत्व इस मामले में संयुक्त रूप से निर्णय लेगी।’

 

उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति के नाम पर सहमति बनाने के लिए राजग में शामिल सहयोगियों की अभी तक कोई बैठक नहीं हुई है। सुखबीर ने कहा कि यह राजग नेतृत्व का समेकित निर्णय होगा। अभी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देना जल्दबाजी होगी।

First Published: Wednesday, May 2, 2012, 11:48

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