रास टिकट मसले पर भाजपा में मतभेद - Zee News हिंदी

रास टिकट मसले पर भाजपा में मतभेद



नई दिल्ली : राज्यसभा में भाजपा के उपनेता एसएस अहलूवालिया को पार्टी की ओर से अगले कार्यकाल के लिए टिकट नहीं दिए जाने और एक नए निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन देने के मुद्दे पर पार्टी के अंदर ही मतभेद सामने आ गए हैं और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इस मामले में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी से बात करने का आश्वासन दिया है। इस मामले में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी और शेष पार्टी नेतृत्व के बीच मतभेद साफ जाहिर हुए हैं।

 

सू़त्रों के अनुसार पूरे मामले में आडवाणी ने भाजपा नेताओं की एक आपात बैठक भी बुलाई है। भाजपा संसदीय दल की आज सुबह हुई बैठक में राज्यसभा चुनाव के लिए टिकटों के बंटवारे संबंधी शिकायतों और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की उन्हें बहाल किए जाने की मांग को लेकर उत्पन्न कर्नाटक संकट का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा।
सूत्रों के अनुसार झारखंड के हजारीबाग से भाजपा सांसद यशवंत सिन्हा ने राज्यसभा चुनाव में राज्य से किसी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारे जाने के पार्टी के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार अंशुमान मिश्रा को परोक्ष समर्थन दिए जाने का भी विरोध किया।

 

कई सदस्यों द्वारा अपनी चिंता जाहिर किए जाने पर पार्टी के संसदीय दल के प्रमुख लालकृष्ण आडवाणी को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने सदस्यों को आश्वासन दिया कि वह पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के समक्ष यह मसला उठाएंगे जो इस समय मुंबई में हैं। स्वयं अहलूवालिया ने इस संबंध में संवाददाताओं के सवाल पर कहा कि संसदीय दल की बैठक में संसद में पार्टी की रणनीति के संबंध में अन्य मुद्दे गोपनीय होते हैं। लेकिन मैं आपके जोर देने पर बताना चाहता हूं कि आडवाणी जी की अध्यक्षता में बैठक हुई और कुछ सदस्यों के विरोध के बाद उन्होंने इस मामले में अध्यक्षजी (गडकरी) से बात करने का आश्वासन दिया है।

 

अहलूवालिया से पूछा गया था कि राज्यसभा में पार्टी के उपनेता होने के बावजूद उनकी जगह निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दिये जाने के पीछे क्या कारण हैं। उन्होंने मजाकिया लहजे में जवाब देने से बचते हुए यह भी कहा कि संसदीय नियमावली के अनुसार हितों के टकराव की स्थिति में सदस्य को उत्तर नहीं देने का अधिकार होता है। अहलूवालिया ने यह भी कहा कि मैं अनुशासित पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं। आज संसदीय दल की बैठक में सांसदों ने यशवंत सिन्हा का इस मुद्दे पर समर्थन किया और कुछ ने तो यहां तक आरोप लगाए कि पार्टी ने राज्यसभा टिकट बेच दिया। बैठक में हिमाचल प्रदेश से भाजपा सांसद शांता कुमार ने कहा कि अहलूवालिया उच्च सदन में एक प्रभावी नेता हैं और उन्हें एक और कार्यकाल के लिए मौका दिया जाना चाहिए।

 

नवादा से सांसद भोला सिंह ने कहा कि पार्टी की आत्मचेतना ‘मर चुकी है और वह धन बल के सामने नतमस्तक हो रही है।’ आंवला से सांसद मेनका गांधी ने केन्द्रीय नेतृत्व से कर्नाटक के संकट को समाप्त किए जाने और येदियुरप्पा की मांगों पर ध्यान दिए जाने की अपील की।

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 20, 2012, 20:57

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