Last Updated: Wednesday, December 5, 2012, 17:55

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने रिटेल में एफडीआई के फैसले को सही ठहराया है। उन्होंने संसद में बहस के दौरान कहा कि रिटेल में एफडीआई का फैसला रातोरात नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यह फैसला जनता और देश के हित में लिया गया है। शर्मा ने कहा कि रिटेल में एफडीआई पर सबसे तेजी से काम पी चिदंबरम के केंद्रीय वित्त मंत्री बनने के बाद हुआ है।
उन्होंने कहा कि रिटेल में एफडीआई पर लोगों को भ्रम है कि इससे किसानों और खुदरा दुकानदारों को नुकसान होगा। जबकि ऐसा नहीं है। इस बीच बीएसपी लोकसभा से वोटिंग के पहला वॉकआउट कर गई है। संसद में बीएसपी के 21 सांसद है। साथ ही मुलायम सिंह यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी भी संसद से वॉकआउट कर गई है। समाजवादी पार्टी के संसद में 21 सांसद हैं।
इससे पहले महाबहस के दौरान बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने रिटेल में एफडीआई को देश के लिए घातक बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी गर्दन कटाए, देश की नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार क्यों इसके जरिए देश को बलि पर चढाना चाहती है। उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियों ने हमेशा भारत को लूटा है। उन्होंने कहा कि वॉलमार्ट का मंत्र है लूटो और खाओ।
बुधवार को रिटेल में एफडीआई पर बहस के दौरान बोलते हुए जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव ने बुधवार को लोकसभा में सरकार से आग्रह किया कि उसे खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। यादव ने कहा कि संप्रग सरकार सदन में यह लड़ाई भले ही जीत सकती है, लेकिन इस नीति के दूरगामी परिणाम होंगे।
खुदरा में एफडीआई पर मतदान से पहले बहस के दौरान शरद यादव ने कहा कि आप लड़ाई जीत सकते हैं, लेकिन भावी पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी। यादव ने केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपको इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। यादव ने कहा कि विपक्ष का इरादा सरकार को अस्थिर करने का नहीं है, बल्कि खुदरा में एफडीआई को वापस लेने का दबाव बनाने का है।
एफडीआई मसले पर बहस के दौरान शरद यादव ने कहा कि हमारी सरकार गिराने की मंशा नहीं है। यदि सरकार गिराना चाहते तो तृणमूल कांग्रेस का साथ देते। हार-जीत कोई मुद्दा नहीं है इस सरकार ने सिर्फ मुट्ठी भर लोगों को संपन्न बनाया। गौर हो कि लोकसभा में एफडीआई आज शाम पांच बजे के बाद वोटिंग होगी।
शरद यादव ने कहा कि रिटेल में एफडीआई से देश का भला नहीं हो सकता है। इसलिए यूपीए सरकार एफडीआई को तुरंत वापस ले। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को सिर्फ बाजार की चिंता है। हम बाजार के खिलाफ नहीं हैं पर देश के हित को अनदेखा करना गलत है।
उन्होंने कहा कि एफडीआई किसानों के हित में नहीं है। देश की जीडीपी में किसानों का अहम योगदान है। खुदरा कारोबार से पांच करोड़ लोगों की रोजी रोटी जुड़ी हुई है।
गौर हो कि समाजवादी पार्टी भी रिटेल में एफडीआई के खिलाफ है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी सदन में इस मसले पर रुख को देखकर फैसला करेगी। सपा और बसपा ने अभी भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उधर, डीएमके का कहना है कि वह सरकार के खिलाफ वोट नहीं करेगी।
उधर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बुधवार को कहा कि बहुब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) देशहित में नहीं है। माकपा ने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरेगी। माकपा सांसद बासुदेव आचार्य ने खुदरा में एफडीआई पर लोकसभा में बहस के दौरान कहा कि हम वालमार्ट को अपने देश में इतने आसानी ने घुसने नहीं देंगे, हम इसका विरोध करेंगे।
बहस के दूसरे दिन सदन को सम्बोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर हरहाल में पुनर्विचार करना होगा, क्योंकि इससे महंगाई और बढ़ेगी। आचार्य ने कहा कि एफडीआई हमारे देश, किसानों और खुदरा क्षेत्र के हित में नहीं है। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वह इसपर पुनर्विचार करे। आचार्य ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अनुभव बताते हैं कि एफडीआई से न तो किसानों को फायदा हुआ है और न उपभोक्ताओं को। उन्होंने कहा कि जिन देशों ने खुदरा में एफडीआई की अनुमति दी, वहां लघु उद्योग साफ हो गए। एफडीआई से महंगाई और बढ़ेगी।
First Published: Wednesday, December 5, 2012, 17:51