Last Updated: Sunday, November 25, 2012, 15:51

नई दिल्ली : मल्टीब्रांड रिटेल सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को इजाजत दिए जाने के खिलाफ अपना विरोध एक कदम और आगे बढ़ाते हुए तृणमूल कांग्रेस ने आज कहा कि इस मुद्दे पर सरकार का फैसला संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ और ‘गैर-कानूनी’ है।
तृणमूल कांग्रेस संसदीय पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, ‘हमारे संविधान की प्रस्तावना कहती है कि भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक गणराज्य है। लेकिन, मौजूदा अल्पमत सरकार जिस तरह हर क्षेत्र में निजीकरण और एफडीआई को बढ़ावा देने पर तुली हुई है, यह दिखाता है कि हम अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय कानून के बुनियादी तत्वों से दूर जा रहे हैं।’ सुदीप ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है ताकि एफडीआई के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध को खत्म किया जा सके।
इस मुद्दे पर लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाले तृणमूल नेता ने कहा कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की प्रकृति न तो समाजवादी है और न ही लोकतांत्रिक है क्योंकि इसे संसद सदस्यों का बहुमत प्राप्त नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 25, 2012, 10:25