Last Updated: Tuesday, January 24, 2012, 03:39
जयपुर/नई दिल्ली : विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी का यहां के साहित्य समारोह में होने वाला वीडियो संबोधन अंतिम समय में रद्द हो गया। इस निर्णय से साहित्य समुदाय में रोष है। मुस्लिम समूहों के विरोध के बाद हिंसा की आशंका से प्रशासन ने उनका वीडियो संबोधन रद्द कर दिया।
राजस्थान प्रशासन और पुलिस के बार-बार बदलते रुख के बीच रुश्दी की वीडियो के माध्यम से हिस्सेदारी को रद्द कर दिया गया जिसे कुछ लेखकों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े करना बताया। भारतीय मूल के 65 वर्षीय लेखक पांच दिवसीय जयपुर साहित्य समारोह में छाए रहे और वीडियो संबोधन रद्द करने को उन्होंने ‘भद्दा’ बताया।पांच दिवसीय समारोह आज खत्म हो गया। रुश्दी का संबोधन रद्द होने के तुरंत बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुस्लिम समूहों द्वारा हिंसा के खतरे से आज अभिव्यक्ति पर अंकुश लग गया । सच्चे लोकतंत्र में सभी को बोलने का मौका मिलना चाहिए न कि सिर्फ धमकी देने वालों को ।’ रुश्दी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोकतंत्र में बोलने का सबको हक है। मुस्लिम कट्टरपंथियों ने बोलने की आजादी का गला घोंटा है।
समारोह के आयोजक संजय राय ने वीडियो लिंक को रद्द करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन आवश्यक बताया । इससे पहले समारोह स्थल के मालिक राम प्रताप सिंह ने कहा कि राजस्थान पुलिस की सलाह पर उन्होंने रुश्दी के साथ वीडियो लिंक को अनुमति नहीं देने का निर्णय किया है।
आयोजकों ने आज सुबह कहा था कि वीडियो संबोधन तय कार्यक्रम के मुताबिक होगा और राजस्थान सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। जयपुर साहित्य उत्सव के अंतिम दिन मंगलवार को विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी की प्रस्तावित वीडियो कान्फ्रेंसिंग का मुस्लिम संगठनों के भारी विरोध को देखते हुए आयोजकों ने अंतिम समय में इसे रद्द कर दिया।
इससे पहले, पुलिस उपायुक्त विजेन्द्र झाला ने जयपुर साहित्य उत्सव के आयोजकों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि आयोजकों ने सलमान रुश्दी की प्रस्तावित वीडियों कान्फ्रेंसिंग को भारी विरोध के चलते रद्द करने का फैसला लिया है। इससे पहले, जयपुर के एक मुस्लिम संगठन के पदाधिकारी अब्दुल सलाम ने जयपुर की एसीएम (दक्षिण) की अदालत में परिवाद पेश कर सलमान रुश्दी की वीडियो कांफ्रेंसिंग को रोकने का अनुरोध किया था। अदालत ने इस पर सुनवाई करते हुए जयपुर साहित्य उत्सव के आयोजकों को तलब किया था। इधर, जयपुर साहित्य उत्सव स्थल पर राजस्थान के छह मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों और उनके समर्थकों ने प्रदर्शन कर सलमान रुश्दी की वीडियो कांफ्रेंसिंग को रोकने की मांग की थी।
संगठनों के प्रतिनिधियों ने जयपुर साहित्य उत्सव पर मौजूद पुलिस आयुक्त बी एल सोनी से मुलाकात कर वीडियो कांफ्रेंसिंग रोकने की मांग की थी। प्रतिनिधियों ने पुलिस को आगाह किया था कि रुश्दी की वीडियो कांफ्रेंसिंग रोकी नहीं गई तो जबरदस्ती इसे रोका जाएगा।
मालूम हो कि राज्य सरकार ने कानून एवं व्यवस्था का हवाला देते हुए इसके रद्द होने की आशंका जताई थी। राजस्थान सरकार ने कहा था कि बिना पूर्व अनुमति के वह ऐसा करने की अनुमति नहीं देगी। इस बीच जयपुर और अजमेर में दंडाधिकारी की अदालत में जयपुर साहित्य उत्सव के आयोजक संजॉय रॉय और चार अन्य लेखकों के खिलाफ कुछ शिकायतें दाखिल की गई हैं। चार लेखकों पर विवादास्पद पुस्तक 'द
सैटेनिक वर्सेज' के अंश पढ़ने का आरोप है। अदालत में शिकायतों पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है।
उधर, नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप हुए। भाजपा ने जहां इसे 'मैच फिक्सिंग' करार दिया वहीं कांग्रेस ने उस पर संवेदनशील मसले पर खतरनाक खेल खेलने का आरोप लगाया। राजस्थान सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा बिना पूर्व अनुमति के रुश्दी के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग की इजाजत नहीं दी जाएगी। आयोजकों ने इससे पहले घोषणा की थी कि रुश्दी वीडियो लिंक के जरिये जयपुर साहित्य समारोह को सम्बोधित करेंगे। लेकिन सोमवार शाम आयोजकों ने अचानक अपने रुख में परिवर्तन लाते हुए कहा कि उन्होंने कार्यक्रम को फिलहाल अंतिम रूप नहीं दिया। आयोजकों ने कहा था कि पुलिस से अपनी जान को खतरे की सूचना मिलने के बाद जयपुर यात्रा रद्द करने वाले रुश्दी मंगलवार को अपराह्न् 3.30 बजे दिग्गी पैलेस में आयोजित साहित्य समारोह को वीडियो लिंक के जरिये सम्बोधित करेंगे और बुकर पुरस्कार प्राप्त पुस्तक 'मिडनाइट्स चिल्ड्रेन' पर बात करेंगे।
इस बीच, कवि जीत थायिल, लेखक अमिताभ कुमार, उपन्यासकार हरि कुंजरू और लेखक रुचिर जोशी के खिलाफ प्रतिबंधित पुस्तक 'द सैटेनिक वर्सेज' के कुछ अंश पढ़ने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई, जिसके बाद वे कथित तौर पर समारोह से निकल गए। वहीं, समारोह में भाग लेने पहुंचे स्वामी अग्निवेश का कहना है कि सरकार को जिम्मेदारी से कार्रवाई करनी चाहिए। जांच एजेंसी से इसकी जांच कराई जानी चाहिए कि किसने रुश्दी को यह झूठा संदेश भेजा कि भाड़े के हत्यारे उनकी हत्या कर सकते हैं।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 25, 2012, 13:33