Last Updated: Thursday, January 10, 2013, 14:30

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने रेल मंत्रालय का कांग्रेसीकरण हो जाने का आरोप लगाते हुए रेल किराये में हुई ताजा बढ़ोत्तरी को वापस लेने की मांग की।
मायावती ने यहां संवाददाताओं से कहा कि केन्द्र ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाने के बाद रेल के सफर को भी महंगा कर दिया है। गरीब और मध्यम वर्ग के लोग रेल से सबसे ज्यादा सफर करते हैं और ताजा वृद्धि का इन्हीं तबकों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगी। ऐसी स्थिति में बसपा की मांग है कि केन्द्र देश में मनमाने ढंग से बढ़ाये गये रेल किराये को जनहित में तुरंत वापस ले।
उन्होंने आरोप लगाया कि रेल मंत्रालय का भी पूरी तौर से कांग्रेसीकरण हो चुका है। पूर्व में मंत्रालय संप्रग सरकार के सहयोगी दलों के पास होने के कारण काफी हद तक कांग्रेस की गलत आर्थिक नीतियों से बचा हुआ था लेकिन रेल बजट पेश होने से डेढ़ माह पहले ही इस तरह रेल किराये में बढ़ोत्तरी कर केन्द्र ने मनमानी का परिचय दिया है। इसे जनहित का निर्णय कतई नहीं कहा जा सकता। गौरतलब है कि रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने कल सभी श्रेणियों के रेल किराये में बढ़ोत्तरी का ऐलान किया था। नयी दरें आगामी 21-22 जनवरी की आधी रात से प्रभावी हो जाएंगी।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा दो भारतीय जवानों की हत्या के मामले पर मायावती ने कहा कि इस मामले को भारत के साथ-साथ पाकिस्तान को भी गम्भीरता से लेना चाहिये ताकि दोनों मुल्कों के बीच कड़वाहट और ना बढ़े।
मायावती ने कहा कि मैं समझती हूं कि पुंछ में हुई दर्दनाक घटना की तह में जाकर ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी वारदात की पुनरावृत्ति ना हो सके। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर बरसते हुए बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने इस सिलसिले में राज्यपाल बी. एल. जोशी को ज्ञापन दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
बसपा नेता ने आरोप लगाया कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार सोयी हुई है। उत्तर प्रदेश में ठंड से हो रही मौतों को राज्य सरकार की उदासीनता का परिणाम बताते हुए मायावती ने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ घोषणाएं कर दिखावा करती है, धरातल पर कुछ नहीं होता। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 10, 2013, 14:30