Last Updated: Tuesday, July 2, 2013, 20:54

नई दिल्ली : सीबीआई ने 10 करोड़ रुपए के कथित रिश्वतखोरी मामले में आज आरोपपत्र दाखिल कर दिया जिसमें पूर्व रेलमंत्री पी. के. बंसल के भांजे विजय सिंगला और निलंबित रेलबोर्ड सदस्य महेश कुमार समेत 10 लोगों को नामित किया गया है।
एजेंसी ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश स्वर्णकांता शर्मा के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया जिसमें नामित 10 आरोपियों में कुमार, सिंगला, बिचौलिया संदीप गोयल, समीर संधेर, सुशील डागा, अजय गर्ग, राहुल यादव, कारोबारी मंजुनाथ और उसके दो सहयोगी - पीवी मुरली तथा वेणुगोपाल शामिल हैं।
रिश्वत पहुंचाने वाले दो व्यक्तियों के नाम आरोपपत्र में शामिल नहीं किए गए हैं। अलबत्ता, आरोपपत्र में पीवी मुरली और वेणुगोपाल के नाम शामिल किए गए हैं।
घोटाले का रहस्योद्घाटन होने के बाद मंत्रिमंडल से हटने वाले बंसल से सीबीआई ने अपनी जांच के क्रम में विस्तार से पूछताछ की थी, लेकिन उनका नाम आरोपपत्र में शामिल नहीं किया गया क्योंकि एजेंसी को अभी तक उनकी प्रत्यक्ष संलिप्तता का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
सूत्रों ने बताया कि अगर उन्हें बंसल के खिलाफ कोई सबूत मिलता है तो वे कोई पूरक आरोपपत्र दाखिल कर सकते हैं। मुरली और वेणुगोपाल को छोड़ कर सीबीआई आरोपपत्र में नामित बाकी सभी आठ आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। सीबीआई की ओर से आज आरोपपत्र दाखिल किए जाने से आरोपितों के जमानत पर जल्द रिहा होने की उम्मीद धुंधली पड़ गई है।
सूत्रों ने बताया कि भ्रष्टाचार के मामलों में एजेंसी को गिरफ्तारी के 60 दिनों के अंदर आरोपपत्र दाखिल करना होता है। अन्यथा, आरोपित को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है। यह समयसीमा आज खत्म हो रही थी क्योंकि सीबीआई ने तीन मई को मामला दर्ज किया था और उसके अगले दिन अचानक जांच अभियान चला कर कुमार, सिंगला और अन्य बिचौलियों को गिरफ्तार कर लिया था।
उम्मीद की जा रही है कि अदालत कल सीबीआई की ओर से दाखिल आरोपपत्र का संज्ञान लेगी।
इस बीच, सीबीआई सूत्रों ने बताया कि वे दर्ज प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों को पुख्ता करने में सक्षम रही है और उसे पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं जो कुमार, सिंगला और मामले के अन्य आरोपियों की संलिप्तता की ओर इंगित करते हैं।
अपनी प्राथमिकी में, सीबीआई ने आरोप लगाया कि बिचौलिए संदीप गोयल ने कुमार से 10 करोड़ रूपये के एवज में रेलवे बोर्ड के सदस्य :इलेक्ट्रिकल: के मलाईदार पद दिलाने का वादा किया था। सीबीआई ने कहा कि गोयल सिंगला और एक अन्य बिचौलिया अजय गर्ग के साथ संपर्क में था और कुमार के लिए सदस्य :इलेक्ट्रिकल: का पद हासिल करने की पूरी कोशिश कर रहा था क्योंकि वहां कई आकषर्क परियोजनाएं विचाराधीन हैं।
इस बीच, कुमार रेल बोर्ड के सदस्य (स्टाफ) नियुक्त किए गए थे जिसे रेलवे के हलकों में मलाइदार पद के रूप में नहीं देखा जाता है।
नियुक्ति के बाद, कुमार ने कथित रूप से गोयल से संपर्क साधा कि उन्हें सदस्य (इलेक्ट्रिक) के रूप में नियुक्त किए जाने तक महाप्रबंधक, पश्चिम रेलवे और सिग्नल एवं दूरसंचार के अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाएं।
इसके लिए गोयल ने दो करोड़ रुपए के तत्काल भुगतान की मांग की।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि कुमार ने बेंगलूर आधारित जी जी ट्रोनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नारायण राव मंजूनाथ और रेल कार्यों से जुड़े अन्य कारोबारियों तथा उद्योगपतियों से संपर्क किया और कहा कि वह यह भुगतान कर दें। इसके एवज में उन्हें तरफदारी का वादा किया।
मंजुनाथ दो करोड़ रुपए में से सिर्फ 90 लाख रुपए का इंतजाम कर सके। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 2, 2013, 18:45